महाराणा प्रताप का अपमान नहीं सहेंगे... गवर्नर गुलाबचंद कटारिया के किस बयान पर भड़की क्षत्रिय करणी सेना

करणी सेना ने महाराणा प्रताप के कथित अपमान को लेकर पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया को धमकी दी है. करणी सेना ने इन्हें अंजाम भुगतने की धमकी भी दी है.

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Karni Sena

राजस्थान में करणी सेना के ऐलान से महाराणा प्रताप के अपमान का मुद्दा गरमा गया है. उदयपुर में पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया महाराणा प्रताप से जुड़े एक बयान के बाद विवादों में घिर गए हैं. क्षत्रिय करणी सेना की सोशल मीडिया पर धमकी ने माहौल गरम हो गया है. सोशल मीडिया पर क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत के नाम से एक पोस्ट और वीडियो डाला गया है. इसमें आपत्तिजनक और धमकी दी गई है.यह पूरा मामला चार दिन पहले उदयपुर जिले के गोगुंदा क्षेत्र की धूली घाटी में एक शिलान्यास समारोह का है. इस समारोह में राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने महाराणा प्रताप को लेकर कथित टिप्पणी की थी.

उदयपुर की धूली घाटी में दिया था बयान

कटारिया ने कहा था, कांग्रेस शासन में महाराणा प्रताप का नाम नहीं लिया जाता था. महाराणा प्रताप को पहली बार जिंदा करने का काम बीजेपी सरकार ने किया. कटारिया ने कहा, भूरा भाई पहली बार विधायक बने और जनता पार्टी सरकार बनी तब गोगुंदा विकास कार्यों के लिए धन भेजा गया. कटारिया ने दावा किया कि चावंड, पोखरगढ़, हल्दीघाटी और उदय सिंह की छतरी जैसे ऐतिहासिक स्थलों को पहचान और विकास उनकी कोशिशों से हुआ.

मायरे की गुफा पर भी बोले थे गवर्नर

कटारिया ने सवाल उठाया था कि क्या इतने सालों में मायरे की गुफा किसी को दिखाई देती थी. बीजेपी सरकार ने सड़क बनाकर यहां पहुंच बेहतर की. उनकी सियासी जनता के लिए कर रही है. सार्वजनिक धन जनता तक उचित तरीके से पहुंचाया गया है. कटारिया को राजपूत और सामाजिक संगठनों से भी धमकी मिली है. महाराणा प्रताप के अपमान को लेकर नाराजगी जताई गई है. क्षत्रिय करणी सेना की आक्रामक प्रतिक्रिया सामने आई है. कटारिया को खुली चेतावनी दी गई है. कटारिया के बयान से नाराजगी जताते हुए इस पोस्ट के समर्थन में सोशल मीडिया पर धड़ाधड़ पोस्ट हो रहे हैं.

राज्यपाल को धमकी के बाद उदयपुर पुलिस भी अलर्ट मोड पर आ गई है. एसपी योगेश गोयल का कहना है कि सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट की जांच की जा रही है.अभी तक इस मामले में किसी एफआईआर या एक्शन शासन प्रशासन की ओर से नहीं लिया गया है.

पहले भी विवादों के घेरे में 

हालांकि यह पहला अवसर नहीं है, जब गुलाबचंद कटारिया महाराणा प्रताप को लेकर विवादों में घिरे हों. साल 2020 में राजसमंद उपचुनाव के दौरान कटारिया ने एक जनसभा में महाराणा प्रताप को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. इसको लेकर पूरे राजस्थान में तीखे विरोध प्रदर्शन हुए थे. उन्हें कई बार माफी मांगनी पड़ी थी. वर्ष 2023 में राज्यपाल बनने से पहले वाल्मीकि और वारी समाज पर उनके बयान पर भी विवाद हुआ था.

पंजाब के राज्यपाल हैं कटारिया

गुलाब चंद जैन कटारिया 31 जुलाई 2024 से पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. कटारिया इससे पहले असम के राज्यपाल भी रहे. वो राजस्थान की कई भाजपा सरकारों में मंत्री पद पर रहे हैं. राजस्थान में बीजेपी के वरिष्ठ नेता कटारिया पार्टी की केंद्रीय कार्यकारी समिति के भी सदस्य रहे.

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कई बार लोकसभा सांसद और विधायक

कटारिया उदयपुर के ही रहने वाले हैं. वो उदयपुर से लोकसभा सांसद और कई बार विधायक भी रहे. कांग्रेस सरकार के दौरान शेख मुठभेड़ हत्याकांड में सीबीआई ने उन पर केस दर्ज किया गया था, लेकिन कोर्ट ने उन्हें बरी किया. वो राजस्थान विधानसभा में नेता विपक्ष भी रहे हैं. कटारिया राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष भी रहे हैं.

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