कोलकाता रेप केस: बड़ा शातिर निकला आरोपी मोनजीत, एग्‍जास्‍ट फैन वाली जगह से रिकॉर्ड करता था वीडियो 

इस पूरे मामले में मुख्य आरोपी और कॉलेज के पूर्व छात्र मोनजीत मिश्रा और सह-आरोपी जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी ने गैंगरेप किया था.

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  • कोलकाता लॉ कॉलेज रेप केस में मुख्य आरोपी मोनजीत मिश्रा ने पीड़िता के अश्लील वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल किया.
  • पुलिस की जांच में पीड़िता के साथ बलात्कार की पुष्टि हुई और आरोपी का डीएनए फोरेंसिक सैंपल से मेल खाता है.
  • मोनजीत मिश्रा, जैब अहमद, प्रमित मुखर्जी और गार्ड पिनाकी बनर्जी समेत चार लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है.
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कोलकाता:

कोलकाता लॉ कॉलेज बलात्कार मामले के मुख्य आरोपी मोनजीत मिश्रा ने पीड़िता के कई वीडियो बनाए थे. वह इन वीडियो के जरिए उसे ब्लैकमेल कर रहा था. इस मामले में दायर 650 पन्नों की चार्जशीट में यह बात सामने आई है. पुलिस को पता चला है कि मेडिकल जांच में महिला के साथ रेप की पुष्टि हुई है. साथ ही आरोपी का डीएनए फोरेंसिक सैंपल्‍स से मेल खाता है. 25 जून को लॉ फर्स्‍ट ईयर की छात्रा के साथ साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज कैंपस में रेप को अंजाम दिया गया था. 

सिक्‍योरिटी गार्ड भी आरोपी 

इस पूरे मामले में मुख्य आरोपी और कॉलेज के पूर्व छात्र मोनजीत मिश्रा और सह-आरोपी जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी ने गैंगरेप किया था. चार्जशीट में इन तीन मुख्‍य आरोपियों के अलावा सिक्‍योरिटी गार्ड पिनाकी बनर्जी का भी नाम है. घटना का जो सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, उसमें आरोपी पीड़िता को घसीटते और बंधक बनाते हुए दिखाई दे रहे हैं.  बाकी आरोपियों के मोबाइल फोन से पीड़िता के कई अश्लील वीडियो बरामद हुए हैं. कोलकाता पुलिस ने 58 दिन में यह चार्जशीट तैयार की है. 

मैच हुए आवाजा के भी सैंपल्‍स 

चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपियों ने ये वीडियो दीवार में लगे एग्जॉस्ट फैन के छेद से बनाए थे. वीडियो में आरोपियों की आवाजें हैं और आवाज के सैंपल्‍स मैच हो गए हैं. आरोपियों की मोबाइल लोकेशन घटनास्थल पर पाई गई.चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि सिक्‍योरिटी गार्ड ने पुलिस या आस-पास के किसी भी व्यक्ति को घटना की सूचना देने के बजाय गार्ड रूम को बंद कर दिया था. उसे भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है.  

मोनजीत मिश्रा को उस घटना से पहले आठ बार गिरफ्तार किया जा चुका था. लेकिन उसके दोस्तों ने उसे जमानत पर छुड़ाया था. 2024 से कॉलेज में अस्थायी कर्मचारी के रूप में काम कर रहे इस व्यक्ति को बर्खास्त कर दिया गया. संस्थान के छात्र अहमद और मुखर्जी को निष्कासित कर दिया गया.

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