कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर मामले में CBI ने आरोपी का साइकोलॉजिकल टेस्ट शुरू कर दिया है. सीबीआई की CFSL टीम टेस्ट करने के लिए पहले ही कोलकाता पहुंच गई थी. यह टेस्ट सीबीआई आरोपी संजय रॉय की मानसिक स्थिति पता लगाने के लिए की जा रही है. सूत्रों की मानें तो संजय रॉय के फोन से काफी आपत्तिजनक कंटेंट और वीडियो बरामद हुईं हैं. ऐसे में जांच एजेंसियां आरोपी की मानसिक स्थिति का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं, ताकि रेप और हत्या के पीछे के कारण का पता लगाया जा सके.
क्या होता है, साइकोलॉजिकल टेस्ट?
साइकोलॉजिकल टेस्ट किसी व्यक्ति के मानसिक, भावनात्मक और व्यवहार संबंधी गुणों को जांचने के लिए उपयोग किए जाने वाला वैज्ञानिक तरीका है. ये परीक्षण व्यक्तित्व, बुद्धि, रुचियां, अभिवृत्तियां और अन्य मनोवैज्ञानिक विशेषताओं का आकलन करने में मदद करते हैं. साइकोलॉजिकल टेस्ट के दौरान व्यक्ति को अस्पष्ट उत्तेजनाओं (जैसे स्याही के धब्बे, चित्र) पर प्रतिक्रिया देने के लिए कहा जाता है, जिसके माध्यम से उसके अचेतन मन के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है.
बीजेपी नेता लॉकेट चटर्जी को पुलिस ने दिया नोटिस
आपको बता दें कि इस मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस ने बीजेपी नेता लॉकेट चटर्जी और आरजी कर अस्पताल के दो डॉक्टरों को नोटिस जारी किया है. इस मामले के कथित आरोपी संजय रॉय पहले ही पुलिस की गिरफ्त में है. कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में नौ अगस्त को ड्यूटी के दौरान स्नातकोत्तर ट्रेनी डॉक्टर के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया गया और उसकी हत्या कर दी गई.
डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के दावों को बंगाल सरकार ने नकारा
कोलकाता पुलिस ने आरजी कर अस्पताल के डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के संबंध में अफवाह फैलाने के मामले में दो डॉक्टरों- डॉ. कुणाल सरकार और डॉ. सुबर्नो गोस्वामी को नोटिस जारी किया है. पुलिस की ओर से बीजेपी नेता लॉकेट चटर्जी को भी नोटिस जारी किया गया है. इन सभी को आज दोपहर 3 बजे पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया है. डॉ. सुबर्नो गोस्वामी ने एक टीवी चैनल को इंटरव्यू देकर दावा किया था कि उन्होंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखी है और उसमें 150 ग्राम सीमेन पाया गया है, पेल्विक हड्डी में फ्रैक्चर है और यह गैंगरेप का मामला है. कोलकाता पुलिस ने इन सभी दावों को फर्जी खबर बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऐसी कोई बात नहीं कही गई है.