कोलकाता के एक अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर से रेप और हत्या मामले में इंसाफ की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस बीच अब इस मामले में एक ओर नया खुलासा हुआ है. जिससे पता चला कि हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया व्यक्ति पहले अपने घर लौटा और फिर सो गया. इसके बाद अगली सुबह उसने सबूत नष्ट करने के लिए अपने कपड़े धो लिए. इस बारे में एक अधिकारी ने जानकारी मुहैया कराई. हालांकि आरोपी ने सबूत मिटाने की तमाम कोशिश की, लेकिन इसके बावजूद पुलिस को आरोपी के जूते पर खून के निशान मिले हैं. इस मामले का आरोपी नगर निकाय का वॉलिंटियर बताया जा रहा है.
आरोपी के जूते पर मिले खून के धब्बे
कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने कहा, ‘‘अपराध को अंजाम देने के बाद आरोपी घर चला गया था और शुक्रवार सुबह देर तक सोता रहा. जागने के बाद उसने सबूत नष्ट करने के लिए अपराध के दौरान पहने हुए कपड़ों को धोया. तलाशी के दौरान उसके जूते मिले, जिन पर खून के धब्बे थे.'' यह पूछे जाने पर कि क्या इस अपराध में कोई और भी शामिल था जैसा कि कुछ लोग आरोप लगा रहे हैं, उन्होंने कहा, 'अभी तक इसका कोई सबूत नहीं है.' गोयल ने बताया कि पुलिस अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है क्योंकि वे इसे अपनी जांच के निष्कर्षों से मिलाना चाहते हैं. एक पुलिस सूत्र ने बताया कि विशेष जांच दल (एसआईटी) के पुलिस अधिकारियों की एक टीम ने रविवार को फोरेंसिक इकाई के साथ मिलकर अस्पताल के सेमिनार हॉल से नमूने एकत्र किए.
आरोपी कैसे चढ़ा पुलिस के हत्थे
अपराध स्थल पर पुलिस को एक ब्लूटूथ हेडफोन मिला था. इस ब्लूटूथ हेडफोन की वजह से पुलिस आरोपी तक पहुंचने में कामयाब रही. दरअसल ब्लूटूथ हेडफोन आरोपी का था. यह इस मामले में उसके खिलाफ मुख्य सबूत बन गया. इसके अलावा वो सीसीटीवी फुटेज में भी घटना के संभावित समय देखा गया. पुलिस ने घटनास्थल से अन्य सबूत भी जुटाए हैं. रेप और हत्या के आरोपी संजय रॉय के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा सबूत मिला है. पीड़िता के नाखूनों में पाया गया खून और स्कीन आरोपी संजय रॉय के है.
खुद को बचाने के लिए छटपटाती रही महिला डॉक्टर
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पीड़िता ने आधी नींद में भी छटपटाते हुए पूरा विरोध किया. इसी जद्होजह्द के दौरान आरोपी के हाथों पर गहरी चोट और खरोंचें आ गई. जो कि इस केस में बड़ी लीड साबित हुए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि मौत गला घोंटने और गला दबाने के कारण हुई. पीड़िता के चेहरे, आंखों से लेकर गर्दन तक पर चोट के निशान हैं. एक अधिकारी ने कहा, "पीड़िता और आरोपी के एक-दूसरे को जानने का कोई सबूत नहीं है", लेकिन उन्होंने कहा कि इस बात की अभी भी जांच की जा रही है. पुलिस ने कहा कि उन्हें पता चला है कि पीड़िता का कुछ महीने पहले किसी से झगड़ा हुआ था, लेकिन वो शख्स आरोपी संजय ही था. इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता.
अभी भी किस गुत्थी को सुलझाने में लगी पुलिस
एसआईटी जुटाए गए सबूतों के आधार पर यह जानना चाहती है कि क्या पीड़िता के शरीर पर चोटें अकेले रॉय की वजह से आई हैं या फिर उसके साथ कोई और भी मौजूद था. यही सवाल पीड़िता के दोस्तों और परिवार के लिए भी पहेली बना हुआ है. पीड़िता के पिता ने अपने घर पर अतिरिक्त पुलिस आयुक्त से मिलने के बाद मीडिया से कहा, "हमने (अतिरिक्त) पुलिस आयुक्त से पूछा था कि क्या कोई और भी था. हमें बताया गया है कि पुलिस उस पहलू की भी जांच कर रही है." आयुक्त गोयल ने छात्रों से भी अनुरोध किया कि "अगर आपको लगता है कि कोई इसमें शामिल है, तो हमें इससे जुड़ी जानकारी दें", उन्होंने ऐसे सभी दावों की जांच करने का वादा किया. उन्होंने छात्रों से कई अफवाहों से सावधान रहने को भी कहा जो चल रही थीं.
प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट से क्या पता चला
प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़िता की आंखों, मुंह और प्राइवेट पार्टस से खून बह रहा था. उसके बाएं पैर, गर्दन, हाथ, अऔर होठों पर भी चोटें थीं. एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि परिस्थितिजन्य साक्ष्य भी इस संभावना की ओर इशारा करते हैं कि डॉक्टर की पहले हत्या की गई और फिर उसके साथ रेप किया गया. पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम गुरुवार रात से अगली सुबह तक ड्यूटी पर मौजूद लोगों से भी बात कर रहे हैं. सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जा रही है." पुलिस ने क्राइम सीन को भी रिक्रिएट किया.
इंसाफ की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन
शुक्रवार की सुबह एक ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव मिला, जिससे अस्पताल के सेमिनार हॉल में कथित तौर पर रेप किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. पुलिस ने आरोपी को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में इंसाफ के लिए की मांग को लेकर रविवार को तीसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहे. इन विरोध प्रदर्शन की वजह से पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पतालों में सेवाएं प्रभावित हुईं.
जांच पर उठ रहे सवालों पर क्या बोले पुलिस अधिकारी
पुलिस आयुक्त ने कहा, 'हमारे एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीड़िता के माता-पिता को पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंप दी है. प्रदर्शनकारियों के साथ हमारी बैठक सार्थक रही और हमें लगता है कि वे संतुष्ट हैं. उनकी मांग के अनुसार हमने यहां तैनात एक सहायक पुलिस अधिकारी को हटा दिया है.' गोयल ने कहा कि पुलिस किसी को छिपाने की कोशिश नहीं कर रही है और जांच पारदर्शी है. उन्होंने कहा कि वे जल्द ही एक टोल-फ्री नंबर शुरू करेंगे, जिस पर लोग सुझाव या शिकायत दर्ज करा सकेंगे.
अस्पताल में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात
इस बीच, कोलकाता पुलिस ने रविवार को अस्पताल में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया. अधिकारी ने कहा, "उचित पहचान के बिना किसी को भी अस्पताल परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी. हम अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे." एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अस्पताल के अधिकारियों ने इमरजेंसी वार्ड में अनुबंध पर नियुक्त दो सुरक्षाकर्मियों को अपनी ड्यूटी सही से ना करने की वजह से निष्कासित कर दिया.
सीएम ममता बनर्जी ने मृत्युदंड की मांग की
हालांकि प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि वे तब तक अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे जब तक वे पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हो जाते और उनकी सुरक्षा से संबंधित मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता. गोयल के साथ बैठक के बाद एक जूनियर डॉक्टर ने बताया कि सभी आपातकालीन और गैर-आपातकालीन सेवाओं में काम बंद रहेगा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपराधी के लिए मृत्युदंड की मांग की है.
(भाषा इनपुट्स के साथ)