कोलकाता में हुए ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले को लेकर हड़ताल पर गए देशभर के डॉक्टरों के साथ केंद्र सरकार की बैठक चल रही है. विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं. हड़ताली डॉक्टरों के साथ ये बैठक स्वास्थ्य मंत्रालय में हो रही है.
कोलकाता पुलिस ने सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पास रविवार 18 अगस्त से 24 अगस्त तक निषेधाज्ञा लागू की है, जिसके तहत पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने और सभा करने पर प्रतिबंध होगा. ट्रेनी महिला डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या का मामला सामने आने के बाद आरजी कर अस्पताल विरोध-प्रदर्शन का केंद्र बन गया है.
एक आदेश में कहा गया है कि कोलकाता पुलिस ने अस्पताल के आसपास भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा-163(2) लागू कर दी है. इसमें बताया गया है कि अस्पताल के आसपास के क्षेत्र से लेकर श्यामबाजार फाइव-पॉइंट क्रॉसिंग तक निषेधाज्ञा लागू की गई है. आदेश के मुताबिक, निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 223 के तहत कार्रवाई की जा सकती है.
ट्रेनी डॉक्टर की 9 अगस्त को सरकार द्वारा संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस घटना ने कई गंभीर खामियों और संबंधित अधिकारियों के समर्थन की कमी को उजागर किया और इस मुद्दे ने विरोध प्रदर्शन के लिए एक ट्रिगर के रूप में काम किया. स्थानीय पुलिस द्वारा कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं होने पर बड़े पैमाने पर गुस्से के बाद, कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले को सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया. सीबीआई अब इस मामले की जांच कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही सच्चाई सामने आएगी.