भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने सोमवार को आगरा में अरुण नारवार (Arun Narwar) के परिवार से भेंट की और उनके परिवार को 40 लाख रुपये मुआवजा तथा एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की मांग की. गौरतलब है कि अरुण की 19 अक्टूबर को आगरा में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. पुलिस ने जगदीशपुरा थाने के मालखाने से 25 लाख रुपये की चोरी के सिलसिले में अरुण को हिरासत में लिया था.
नारवार परिवार से मिलने के बाद टिकैत ने पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार मुआवजा देने में भेदभाव कर रही है. उसने लखीमपुर खीरी और कानपुर में 40-45 लाख रुपये की सहायता दी है, लेकिन आगरा में सरकार ने महज 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया है. राज्य सरकार को अरुण के परिवार को भी 40 लाख रुपये का मुआवजा देना चाहिए. सरकार को भेदभाव नहीं करना चाहिए. उन्होंने नारवार परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और अरुण के मौत की न्यायिक जांच कराने की भी मांग की.
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कृषि कानूनों को लेकर भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधते हुए टिकैत ने कहा कि मैं किसानों से अनुरोध करूंगा कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट न दें. संयुक्त किसान मोर्चा राज्य के विधानसभा चुनावों में भाजपा का विरोध करेगा. विधानसभा चुनाव में हम न तो कोई उम्मीदवार उतारेंगे और न ही किसी राजनीतिक दल का समर्थन करेंगे. केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ उनका विरोध प्रदर्शन समस्या सुलझने तक जारी रहेगा और इसे लेकर हम केन्द्र सरकार से बातचीत करने को भी तैयार हैं.
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