किसान आंदोलन (Farmers Protest) और कृषि कानूनों को लेकर संसद में विपक्ष का सरकार को घेरने की कोशिश जारी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की ओर से संसद में कृषि कानूनों पर पक्ष रखने के बावजूद विपक्षी पार्टियां सड़क से लेकर संसद तक मोदी सरकार पर हमलावर हैं. शुक्रवार को राज्यसभा में कृषि कानूनों को लेकर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस को खुली चुनौती दी. उन्होंने कहा कि नए कानून में कहां लिखा है कि मंडियां खत्म होंगी और एमएसपी व्यवस्था समाप्त होगी.
इस बीच, किसान नेता मंजीत सिंह राय ने कहा कि हम शुक्रवार को राजस्थान में सारे टोल प्लाजा फ्री करवाएंगे ताकि सरकार को ये दिखा सकें कि ये सिर्फ पंजाब और हरियाणा का आंदोलन नहीं है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने किसान आंदोलन और रोजगार के मसले पर गुरुवार को सरकार को कठघरे में खड़ा किया. राहुल ने कहा कि आज हमारा देश रोज़गार पैदा नहीं कर सकता है, कल भी नहीं कर पाएगा, क्योंकि आपने (केंद्र सरकार ने) देश की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी है...यह किसानों का नहीं, देश का आंदोलन है, जिसे किसान सिर्फ रास्ता दिखा रहा है, अंधेरे में टॉर्च दिखा रहा है.
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस ने अपने सांसद दिनेश त्रिवेदी के राज्यसभा की सदस्यता की इस्तीफा देने की घोषणा के बाद शुक्रवार को कहा कि उनका फैसला चौंकाने वाला है, लेकिन यह उसके लिए कोई झटका नहीं है. पार्टी प्रवक्ता विवेक गुप्ता ने यह भी कहा कि इतना बड़ा फैसला करने से पहले त्रिवेदी को तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत करनी चाहिए थी.
राज्यसभा की कार्यवाही 8 मार्च तक के लिए स्थगित की गई.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में कहा कि 2020 में मनरेगा के लिए 61,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था, जो 2021 में बढ़ाकर 73,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है. कोरोनावायरस संकट के दौरान 2020-21 में एक लाख 11 हजार करोड़ मनरेगा को आवंटित किए गए, इनमें से राज्यों को 90 हजार करोड़ जारी कर दिया गया है.