बदल जाएगा 'भगवान के देश' केरल का नाम, सीएम पिनराई विजयन ने पेश किया प्रस्ताव

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि 1 नवंबर 1956 को भाषा के आधार पर राज्यों का गठन किया गया था और मलयालम भाषा में राज्य का नाम 'केरलम' है, जबकि संविधान की पहली अनुसूची में हमारे राज्य का नाम केरल लिखा गया है.

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1 नवंबर 1956 को भाषा के आधार पर राज्यों का गठन किया गया था. इसमें केरल भी शामिल है.
तिरुवनंतपुरम:

दक्षिणी राज्य केरल को 'भगवान का अपना देश' कहा जाता है. अब केरल अपना पुराना नाम दोबारा अपनाना चाहता है. दरअसल, राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बुधवार (9 अगस्त) को विधानसभा में राज्य का नाम बदलने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया. उन्होंने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि केरल का आधिकारिक नाम बदलकर 'केरलम' किया जाए.

सीएम विजयन ने कहा, ''इस सदन में नियम 118 के तहत एक प्रस्ताव पेश किया जा रहा है, जिसमें केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है कि भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में हमारे राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर 'केरलम' किया जाए.''

मलयालम भाषा में राज्य का नाम 'केरलम'
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 नवंबर 1956 को भाषा के आधार पर राज्यों का गठन किया गया था और मलयालम भाषा में राज्य का नाम 'केरलम' है, जबकि संविधान की पहली अनुसूची में हमारे राज्य का नाम केरल लिखा गया है. केरल दिवस भी 1 नवंबर को है. मलयालम भाषी समुदायों के लिए केरल को एकजुट करने की जरूरत राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के समय से ही रही है.

सीएम ने कहा, "हालांकि, हमारे राज्य का नाम संविधान की पहली अनुसूची में केरल के रूप में सूचीबद्ध है. यह विधानसभा सर्वसम्मति से केंद्र सरकार से अनुरोध करती है कि संविधान के अनुच्छेद 3 के तहत इसे 'केरलम' में संशोधित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं. यह सदन यह भी अनुरोध करता है कि हमारे राज्य का नाम संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित सभी भाषाओं में 'केरलम' रखा जाए."

संविधान की पहली अनुसूची में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और उनके क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्रों को सूचीबद्ध किया गया है, जबकि आठवीं अनुसूची में भारत की 22 आधिकारिक भाषाओं को सूचीबद्ध किया गया है. इस प्रस्ताव को कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट गठबंधन ने स्वीकार कर लिया. गठबंधन ने इसमें कोई संशोधन का सुझाव नहीं दिया. प्रस्ताव को अध्यक्ष एएन शमसीर ने सर्वसम्मति से अपनाया गया घोषित किया.

पिछले साल, केंद्र ने लोकसभा को सूचित किया था कि उसने पांच वर्षों में इलाहाबाद सहित सात शहरों और कस्बों का नाम बदलने को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने भी कहा था कि केंद्र को पश्चिम बंगाल सरकार से राज्य का नाम बदलकर 'बांग्ला' करने का प्रस्ताव मिला है.

गृह मंत्रालय की मंजूरी से राज्यों द्वारा शहरों और कस्बों के नाम बदले जा सकते हैं, लेकिन किसी राज्य का नाम बदलने के लिए संसद की मंजूरी की जरूरत होती है.

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पिछले कुछ वर्षों में केरल अपने कई कस्बों और शहरों के मूल नामों पर वापस लौट आया है. इसमें राजधानी त्रिवेन्द्रम भी शामिल है, जिसे अब तिरुवनंतपुरम कहा जाता है. इसके साथ ही कोचीन का नाम कोच्चि, क्विलोन का कोल्लम और त्रिचूर का त्रिशूर कर दिया गया है.

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