उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए उन पर प्रधानमंत्री की बैठक की गोपनीयता भंग करने का आरोप लगाया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ''आज इनका (अरविंद केजरीवाल) एक और कारनामा उस समय देखने को मिला जब प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में चल रही उच्च स्तरीय बैठक, जिसमें देश के कई वरिष्ठ मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय मंत्रीगण भी मौजूद थे, उस बैठक की गोपनीयता को भंग करके सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास इन्होंने किया.'' इसके पहले के ट्वीट में योगी ने कहा, ''दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार अपनी नाकामयाबियों को छिपाने के लिए दूसरों पर निराधार आरोप प्रत्यारोप लगाकर जनता का ध्यान भटकाना चाहती है." योगी ने कहा, ''राजनीति का यह अभद्र और घटिया आचरण है और हम इसकी निंदा करते हैं.''
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योगी ने निर्धन कल्याण को समर्पित ''प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना'' को मई व जून माह हेतु पुनः प्रारम्भ करने के लिये प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि इस योजना के द्वारा भारत के 80 करोड़ लाभार्थी पांच किलोग्राम निःशुल्क खाद्यान्न से लाभान्वित होंगे. उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 महामारी की स्थिति और अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी के बारे में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की टिप्पणियों के टेलीविजन पर प्रसारण से विवाद पैदा हो गया और केंद्र सरकार के अधिकारियों ने उन पर "राजनीति करने " का आरोप लगाया. अधिकारियों ने आरोप लगाया कि "निजी बातचीत" को प्रसारित करने के फैसले के साथ वह ‘निचले स्तर पर' उतर गए हैं.
एक सूत्र ने कहा, "उनका पूरा भाषण किसी भी समाधान को लेकर नहीं बल्कि राजनीति करने और जिम्मेदारी से बचने के लिए था. सभी मुख्यमंत्रियों ने इस बारे में बात की कि वे स्थिति में सुधार के लिए क्या कर रहे हैं, लेकिन इस संबंध में उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं था.'' उन्होंने कहा कि केजरीवाल के बयान को सार्वजनिक किए जाने की बात केंद्र सरकार को पसंद नहीं आयी है. केंद्र सरकार के अधिकारियों की तीखी प्रतिक्रिया के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक संक्षिप्त बयान जारी करते हुए कहा, "आज, मुख्यमंत्री का भाषण ‘लाइव' साझा किया गया क्योंकि केंद्रीय सरकार से ऐसा कोई निर्देश, लिखित या मौखिक कभी नहीं आया है कि बातचीत को लाइव साझा नहीं किया जा सकता है.''
बयान में कहा गया है, ‘‘इस तरह की बातचीत के कई मौके आए हैं जहां लोक महत्व के मामलों को साझा किया गया, जिनमें कोई गोपनीय जानकारी नहीं थी. हालांकि, अगर कोई असुविधा हुई है तो हमें इस बात का बहुत अफसोस है.'' पीएम मोदी ने शुक्रवार को 10 ऐसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की जहां कोविड-19 के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुयी. बैठक में भाग लेने वालों में दिल्ली के अलावा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश आदि राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल थे.
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