देश के 7 राज्यों की 13 विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान हो रहा है. बद्रीनाथ उप-चुनाव में वोटिंग के बीच केदारनाथ से दुखद खबर आई है. केदारनाथ से भारतीय जनता पार्टी की विधायक शैलारानी रावत का मंगलवार रात निधन हो गया. शैलारानी रावत ने देहरादून के मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनका निधन देर रात 10.30 बजे हुआ. वो लम्बे समय से अस्वस्थ चल रही थी. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उनके निधन पर दुख जताया है.
शैलारानी का राजनीतिक सफर
विधायक शैलारानी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत कांग्रेस से की थी. शैलारानी साल 2012 में वह विधानसभा पहुंची थीं. इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. बीजेपी ने उन्हें साल 2017 विधानसभा चुनाव में केदारनाथ सीट से टिकट दिया था, लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. इसके बाद साल 2022 में पार्टी ने उन्हें फिर से टिकट दिया, इस बार उन्होंने जीत हासिल की.
चुनाव प्रचार के दौरान लगी थी चोट
बताया जा रहा है कि विधायक शैलारानी रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर के बाद हुई सर्जरी के बाद से वह पूरी तरह उभर नहीं सकी. साल 2017 में चुनाव प्रचार के दौरान शैलारानी रावत गिर गई थीं, जिससे उन्हें कई चोट आई थी. करीब तीन साल तक इलाज के बाद वह स्वस्थ्य होकर अपने घर लौटी और फिर से राजनीति में सक्रिय हो गईं. लेकिन उपचुनाव के बीच उनके निधन की दुखद आई.
उत्तराखंड में उपचुनाव के लिए वोटिंग
उत्तराखंड में बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए भी मतदान हो रहा है. इस वर्ष मार्च में कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने के बाद यह सीट खाली हो गई थी. बद्रीनाथ में भाजपा के राजेंद्र भंडारी और कांग्रेस उम्मीदवार लखपत सिंह बुटोला के बीच सीधा मुकाबला है. उत्तराखंड की मंगलौर सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है.
पिछले वर्ष अक्टूबर में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक सरवत करीम अंसारी के निधन के कारण उपचुनाव की जरूरत हुई है. मुस्लिम और दलित बहुल मंगलौर सीट पर भाजपा कभी जीत नहीं दर्ज कर पाई है. इस सीट पर पहले या तो कांग्रेस या फिर बसपा का कब्जा रहा है. इस बार बसपा ने अंसारी के बेटे उबेदुर रहमान को कांग्रेस उम्मीदवार काजी मोहम्मद निजामुद्दीन के खिलाफ मैदान में उतारा है. गुज्जर नेता और भाजपा उम्मीदवार करतार सिंह भड़ाना भी मैदान में हैं.