देश की तमाम सरकारें समय-समय पर Ease of governance की बात करती रही है. सरकार की पहुंच अंतिम व्यक्ति तक हो इसके लिए समय-समय पर सरकारों की तरफ से कवायद भी हुई है. गांव-गांव तक इंटरनेट को पहुंचाया गया है. हालांकि सिस्टम की कमी गाहे-बगाहे सामने आ ही जाती है. 2 वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहे हैं. पहला वीडियो दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक से सामने आया है वहीं दूसरा वीडियो ओडिशा से है. दोनों ही वीडियो से सरकारी दावों और व्यवस्था के दावों की पोल खुल रही है.
ओडिशा के झरीगांव में एक वृद्ध महिला सूर्या हरिजन अपनी पेंशन लेने के लिए एक टूटी कुर्सी के सहारे कई किलोमीटर नंगे पैर चलकर बैंक पहुंचती है. लेकिन उन्हें अपना पेंशन आसानी से नहीं मिलता है. इस मामले में एसबीआई झरीगांव शाखा के प्रबंधक का कहना है कि महिला की उंगलियां टूट गई हैं, इसलिए उन्हें पैसे निकालने में परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि हम जल्द ही समस्या का समाधान करेंगे.
हालांकि सिस्टम वीडियो वायरल होने के बाद ही हरकत में आया है. महिला महिनों से इसी तरह सरकार से मिलने वाली वृद्धा पेंशन के तौर पर छोटी सी रकम के लिए चक्कर काटती रही है.
ओडिशा की सूर्या हरिजन से भी दर्दनाक कहानी है कर्नाटक की महिला की.77 साल की दिव्यांग महिला पेंशन के लिए हाथ के बल चलकर पोस्ट ऑफिस जाती हुई दिख रही है. हालांकि अधिकारियों की तरफ से उसे पेंशन नहीं दिया जा रहा है. उसने दावा किया है कि उसे 2 महीने से पेंशन की रकम नहीं मिली है. जानकारी के अनुसार महिला का नाम गिरिजम्मा है. हालांकि अभी तक इस बात की कोई खबर नहीं है कि महिला की समस्या का समाधान हुआ है या नहीं. महिला ने मीडिया को बताया कि पेंशन नहीं मिलने के कारण उसके पास किसी गाड़ी से जाने के लिए पैसे नहीं बचे हैं.
भारत में वृद्धावस्था पेंशन के लिए क्या है नियम?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी की उम्र 60 वर्ष या अधिक होनी चाहिए. लाभार्थी बीपीएल परिवार का हो अथवा उसकी मसिक आय रु.4000/- तक हो. गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले 60 वर्ष से अधिक आयु के समस्त अभ्यर्थी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में पात्र होते हैं.