कर्नाटक (karnataka Muslim Worship Temple) के एक जिले में अनोखी धार्मिक मिसाल देखने को मिली है. यहां दक्षिण कन्नड़ के मुल्की इलाके के कवाथारू गांव में एक मुस्लिम युवक कोरागज्जा मंदिर (Lord Korgajja Temple) में कई वर्षों से पूजा-अर्चना करता आ रहा है. उसने यह मंदिर अपने घर के निकट ही बनाया है. मूलत केरल के पलक्कड़ जिले के रहने वाले 65 वर्षीय पी कासिम तीन दशक पहले मुल्की आ गए थे.
कासिम का कहना है कि जब वह जिंदगी में दिक्कतों का सामना कर रहे थे तो उन्होंने एक पुजारी से संपर्क किया था और उन्हीं की सलाह पर उन्होंने कोरगज्जा मंदिर में स्थापना की तुलुनाडु क्षेत्र में शिव का एक रूप माने जाने वाले कोरगज्जा भगवान की पूजा होती है. पुजारी के मुताबिक, उनसे पहले संबंधित मकान में रह रहे लोग कोरगज्जा की पूजा करते थे. लोगों का भरोसा है कि भगवान कोरगज्जा उनकी परेशानियों को दूर करते हुए उनकी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं. लिहाजा कासिन ने घर के निकट एक स्थान देखकर मंदिर बना लिया.
गांव में अलग-अलग धर्मों को मानने वाले करीब 50 लोग यहां प्रार्थना करने के लिए आते हैं. कासिम यहां पूजा-अर्चना करते हैं और खास पूजा या अवसर पर चंदन की लेई प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं में बांटते हैं. कासिम ने बताया कि जैसे ही उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू की, उन्होंने मांसाहारी भोजन का त्याग कर दिया. उन्होंने कहा कि कोरगज्जा के दर्शन के बाद मस्जिद जाना बंद कर दिया. हालांकि उनके बच्चे मस्जिद जाते हैं, लेकिन उनका कोरगज्जा में भी बड़ा विश्वास है.
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