"भाजपा की वजह से कर्नाटक भ्रष्ट राजधानी बन चुकी है": कांग्रेस के डीके शिवकुमार ने NDTV से कहा

NDTV से बात करते हुए कर्नाटक में कांग्रेस के दिग्गज नेता डीके शिवकुमार ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया कि राज्य में काग्रेस नेताओं के बीच एखता नहीं है. उन्होंने कहा, "पार्टी में किसी तरह का विभाजन नहीं है" और कर्नाटक राज्य में कांग्रेस पार्टी एकजुट है.

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डीके शिवकुमार ने कहा कि पार्टी के अंदर कोई मतभेद नहीं है.

नई दिल्ली:

नई दिल्ली: कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि उन्हें इस बात की बिल्कुल ही परवाह नहीं है कि राज्य का मुख्यमंत्री कौन बनेगा. उन्होंने कहा कि उन्हें तो चिंता सिर्फ इस बात की है कि किस तरह पार्टी को सत्ता दिलाई जाए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने कड़ी मेहनत और राज्य में पार्टी के प्रमुख होने के नाते पार्टी को सत्ता की दौड़ में तो ले ही आए हैं. गौरतलब है कि, कर्नाटक राज्य के मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस खेमे से दो शीर्ष नेताओं सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार का नाम चल रहा है.

श्री शिवकुमार ने कहा कि राज्य में उनके अलावा और भी कई अन्य नेता हैं, और सभी को "कर्नाटक में अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार" के खिलाफ मिलकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि भाजपा के शासन में राज्य 'भ्रष्टाचार की राजधानी' बन गया है.

NDTV से बात करते हुए, उन्होंने अपनी पार्टी के साथियों के साथ किसी भी तरह की अनबन से इनकार किया. उन्होंने कहा, "पार्टी में किसी तरह का विभाजन नहीं है" और कर्नाटक राज्य में कांग्रेस पार्टी एकजुट है.

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उन्होंने कहा, "यह पूरी तरह से झूठ है. पहले, यह हमारा कर्तव्य है कि हम इस भाजपा सरकार को हटाएं और कांग्रेस पार्टी को सत्ता में लाएं. फिर मेरी पार्टी आलाकमान तय करेगी कि किसे नेतृत्व करना है."

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गौरतलब है कि, पिछले महीने  वोक्कालिगा समुदाय के प्रभावशाली नेता शिवकुमार ने अगले मुख्यमंत्री बनने की इच्छा व्यक्त की थी. इसके बाद पार्टी के अंदर तनाव और बढ़ गया.

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बाद में स्पष्टीकरण देते हुए डीके शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने अपने वोक्कालिगा समुदाय से अपील की थी कि वो उसे आशीर्वाद दें क्योंकि वो राज्य में पार्टी प्रमुख हैं और इश तरह कांग्रेस को सत्ता में लाएं. भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए 2018 में कांग्रेस को जनता दल (सेक्युलर) के प्रमुख एचडी कुमारस्वामी के साथ गठजोड़ करने के लिए मजबूर होना पड़ा था. इन पांच वर्षों में शिवकुमार की पहचान पार्ची के अंदर एक संकटमोचक के रूप में होने लगी. और आखिर में उन्हें राज्य कांग्रेस का प्रमुख बनाया गया था.

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यह पूछे जाने पर कि क्या अपने प्रचार का प्रबंधन करने के लिए पेशेवरों को नियुक्त करना सिद्धारमैया पर बढ़त हासिल करने का प्रयास है, शिवकुमार ने कहा कि सभी राजनीतिक दल "तकनीकी सहायता" के लिए विशेषज्ञों को नियुक्त करते हैं.

उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी डिजिटल माध्यम की ओर देख रही है और पेशेवर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने के लिए अच्छी सलाह देते हैं.

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