कर्नाटक में स्कूल (Karnataka Schools) खुलने के बाद भले ही शिक्षक और छात्र कोरोना (Karnataka Corona Cases ) से संक्रमित हो रहे है लेकिन कर्नाटक सरकार ने साफ़ कर दिया है कि स्कूल बंद नही होंगे. इससे अभिभावक परेशान हैं. चित्रदुर्गा के एक को इसलिए बंद करना पड़ा क्योंकि यहां 6 शिक्षक कोरोना से संक्रमित पाए गए थे. सैनेटाइजेशन कराने के लिए स्कूल बंद करना पडा. इसी तरह चिकमंगलूरू, बेलगावी, विजयपुरा और दूसरी जगहों पर तक़रीबन 50 शिक्षक और 7 छात्र स्कूल खुलने के बाद संक्रमित पाए गए हैं. लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि स्कूल बंद नही होंगे.
सरकार ने ग्रामीण इलाकों में विकल्प न होने की दलील दी
कर्नाटक (Karnataka Education Minister) के शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार ने स्पष्ट किया है कि देसी स्कूल बंद नहीं किए जाएंगे ग्रामीण इलाकों में शिक्षा का दूसरा विकल्प नहीं है. ऐसे में इन छात्रों का काफी नुकसान होता है क्लास चलते रहेंगे. सरकार का कहना है कि 10 वीं और 12 वीं के छात्रों के लिए क्लास में आना अनिवार्य नही है. ऐसे में जो नहीं आना चाहते हैं वो छात्र ना आएं. स्कूल को सुरक्षित रखने के लिए प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया जा रहा है. सरकार के मुताबिक ज्यादातर शिक्षकों ने स्कूल खुलने से पहले कोरोना टेस्ट कराया था, लेकिन कुछ की रिपोर्ट देर से आई.
अभिभावकों का तर्क, स्कूल पूरी तरह सुरक्षित नहीं
अभिभावकों का कहना है कि डर इस बात को लेकर है कि कई सारी जगह ऐसी होती हैं, जिसका इस्तेमाल सभी छात्र-छात्रा टीचर सब करते हैं. वह कितनी सुरक्षित है, इसको लेकर हम संशय की स्थिति में हैं कि अपने बच्चों को भेजें कि ना भेजें. हालांकि बेंगलुरु को छोड़ दे तो ग्रामीण इलाकों में उपस्थिति 50 फीसदी से ऊपर रही है. उत्तर कन्नडा और उडुपी जिलों में 80 फीसदी से भी ज्यादा छात्र-छात्रा कक्षाओं में उपस्थित रहे हैं. कर्नाटक में कोरोना के मामले पिछले डेढ़ 2 महीने में काफी कम हुए हैं. ऐसे में सरकार हालात सामान्य करने की कोशिश में लगी है और अब जबकि वैक्सीन भी तैयार है तो सरकार को लगता है कि जोखिम उठाने में हर्ज नही है.