कर्नाटक में कोरोना के मामलों में चौंकाने वाला उछाल, एक दिन पहले की तुलना में 34% अधिक केस आए सामने

कर्नाटक में कोरोना महामारी की तेजी से बढ़ती रफ्तार ने सभी को चौंका दिया है. राज्य में कल की तुलना में आज 34 फीसद अधिक कोरोना के मामले दर्ज किए गए हैं. राज्य में आज 2 हजार से अधिक कोरोना के नए मामले सामने आए हैं.

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बेंगलुरु:

कर्नाटक और राजधानी बेंगलुरु में आज कोविड के मामलों में भारी उछाल दर्ज किया गया है. राज्य में आज 2,052 नए मामले दर्ज किए गए जो कल के 1,531 के मुकाबले 34 प्रतिशत अधिक है. कैपिटल सिटी में 505 मामले दर्ज किए गए जो कल की 376 की गिनती से भी 34 प्रतिशत अधिक है. राज्य बुलेटिन के अनुसार राज्य में सक्रिय कोविड मामलों की संख्या 23,253 है. राज्य की सकारात्मकता दर आज 1.37 प्रतिशत थी. राज्य में आज 1,48,861 नमूनों की जांच हुई है. कर्नाटक में पिछले 24 घंटों में संक्रमण के कारण 35 मौतें दर्ज की गईं. राज्य की कुल कोविड संख्या अब 29 लाख का आंकड़ा पार कर गई है और महामारी की चपेट में आकर मरने वालों की कुल संख्या 36,491 पर पहुंच गई है.

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राज्य में जारी टीकाकरण अभियान के तहत आज दोपहर 3.30 बजे तक 1,00,224 लोगों को कोरोनो वायरस टीकों की खुराक दी गई. राज्य में अब तक प्रशासित खुराक की कुल संख्या 2,97,01,032 हो गई है. कर्नाटक में कोरोना का ग्राफ नीचे जाने के साथ ही सरकार ने कोरोना से जुड़े प्रतिबंधों में ढील दी थी. कोरोना की दूसरी लहर जब पीक पर थी तब राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन किया गया था. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राज्य में लोगों को अस्पताल में बेड, दवाओं और ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था.

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कर्नाटक सरकार ने 19 जुलाई से सिनेमाघरों को भी खोलने की अनुमति दे दी और रात के कर्फ्यू की अवधि को एक घंटे कम कर दिया. कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को 26 जुलाई से ऑफलाइन कक्षाएं आयोजित करने की अनुमति दे दी गई है. 

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राजधानी बेंगलुरू अब अपने व्यस्त स्वरूप में वापस लौट आई है. यहां पीक घंटों में सड़कों पर भारी ट्रैफिक देखने को मिल रही है. बसों और ट्रेनों में पूरी तरह बैठने की अनुमति दी जा चुकी है. पूजा स्थलों पर भी अब अनुष्ठान करने की अनुमति है. इस बीच, राज्य में भाजपा के वरिष्ठ नेता बी एस येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने और बसवराज बोम्मई के कार्यभार संभालने के बाद स्थिति बदल गई है. NDTV से बात करते हुए सीएम बोम्मई ने कहा कि कोरोना के मामलों के साथ-साथ बाढ़ की स्थिति पर काबू पाना उनकी तात्कालिक प्राथमिकताए थीं.

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