कर्नाटक में भी कोरोना की दूसरी लहर, बेंगलुरु में नए मामलों में दिखा बड़ा उछाल

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु (Bengaluru )में भी कोरोना के मामले रिकॉर्ड गति से बढ़ रहे हैं. कर्नाटक के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के सुधाकर का कहना है कि यह हमारे लिए बड़ी चिंता का विषय है और हमें ऐहतियाती कदमों को उठाने की जरूरत है.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins

कोरमंगला इंडोर स्टेडियम को कोविड-19 के क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील किया गया है

बेंगलुरु:

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु (Karnataka Coronavirus Cases ) में भी कोरोना के मामले रिकॉर्ड गति से बढ़ रहे हैं. कर्नाटक के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के सुधाकर का कहना है कि यह हमारे लिए बड़ी चिंता का विषय है और हमें ऐहतियाती कदमों को उठाने की जरूरत है. बेंगलुरु में रविवार को पिछले 24 घंटे में कर्नाटक में कोरोना के 2 हजार से ज्यादा नए केस मिले. महज एक हफ्ते पहले जयानगर जनरल हॉस्पिटल ने 50 ऑक्सीजन युक्त बेड कोविड मरीजों के लिए आरक्षित कर दिए हैं, क्योंकि राज्य (Bengaluru Coronavirus Cases )में कोरोना की दूसरी लहर तेज हो गई है. लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ाकर 100 कर दी गई है, जिसमें से 85 से 90 बेड भरे हुए हैं. देश की राजधानी दिल्ली, मुंबई, चेन्नई जैसे महानगरों में तेजी से कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं. 

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर का कहना है कि राज्य में कोरोना के केस मार्च के शुरुआती दिनों के मुकाबले दस गुना तक बढ़ गए हैं. 1 से 3 मार्च तक कोरोना के महज 300 केस मिल रहे थे, जो अब मार्च के अंत में बढ़कर 3000 के आसपास पहुंच गए हैं. सुधाकर का कहना है कि यह हमारे लिए बड़ी चिंता का विषय है और हमें ऐहतियाती कदमों को उठाने की जरूरत है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बहुत से लोगों के मन में यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या कोरोना के ये बढ़ते मामले बेंगलुरु को दोबारा लॉकडाउन (lockdown) या नाइट कर्फ्यू की ओर ले जाएंगे.

सुधाकर ने स्पष्ट किया कि अभी ऐसा कोई इरादा नहीं है. अभी तक कर्नाटक में ऐसे कोई हालत उभरकर नहीं आए हैं. उन्होंने कहा कि हमें निश्चित तौर पर कुछ गतिविधियों पर अंकुश लगाने और सार्वजनिक कार्यक्रमों को नियमित करने की आवश्यकता है. धार्मिक, राजनीतिक या किसी भी अन्य तरह के समागम पर अंकुश लगाना होगा. फिर चाहे वह किसी जाति, पंथ, धर्म या राजनीतिक दल से ताल्लुक रखता हो, क्योंकि यही एकमात्र उपाय है.

Advertisement