कर्नाटक कांग्रेस (Congress) के कार्यकर्ताओं ने राज्य में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए एकता के ‘मंत्र' फूंके. इस बीच, पार्टी मेकेदातु परियोजना के क्रियान्वयन के लिए फिर 27 फरवरी से ‘पदयात्रा' शुरू करेगी. पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात के एक दिन बाद कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने शुक्रवार को नई दिल्ली में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया और राज्य में पार्टी की (सत्ता में) वापसी के प्रति अपना विश्वास जताया.
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘विधानसभा चुनावों में एक साल बाकी है ओर कांग्रेस के सत्ता में वापसी के लिए अनुकूल माहौल है, क्योंकि मौजूदा बीजेपी (BJP) सरकार ऑपरेशन ‘कमल' के जरिये सत्ता में आई तथा इस सरकार के सत्ता में आने के बाद से राज्य में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है. लोग सरकार को कोस रहे हैं.''उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने राजनीतिक स्थिति का जायजा लेने और चुनाव जीतने और सत्ता में वापस आने की रणनीति पर चर्चा करने के लिए कर्नाटक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है.
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उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी को संदेश मिला है कि राज्य में पार्टी का हरेक नेता एकजुट होकर काम कर रहा है और पार्टी सत्ता में वापस आएगी... हम सभी एक साथ काम कर रहे हैं, कोई मतभेद नहीं हैं. बीजेपी यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि (कांग्रेस में) मतभेद हैं, यह सही तथ्य नहीं है. चूंकि हम एक लोकतांत्रिक पार्टी हैं, इसलिए मतभेद हो सकते हैं, बस इतना ही.' कहा जाता है कि राज्य के कांग्रेस नेताओं के साथ राहुल गांधी की बैठक का उद्देश्य सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और एक दूसरे पर हावी होने की खबरों के मद्देनजर पार्टी कार्यकर्ताओं में सामूहिक नेतृत्व का संदेश भेजना था, क्योंकि दोनों नेता कथित तौर पर मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा पाले हुए हैं.
शिवकुमार ने कहा कि पार्टी महासचिवों - रणदीप सिंह सुरजेवाला और के. सी. वेणुगोपाल की उपस्थिति में राज्य के कम से कम 15 कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी से मुलाकात की. उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन्हें (राहुल) कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रमों और पार्टी के संगठनात्मक मामलों के बारे में अवगत कराया है. हमारे पास एक साल का समय है और हमें राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक घटनाक्रमों को ध्यान में रखते हुए लोगों के समक्ष जाने को कहा गया है. नेताओं को अपने-अपने क्षेत्र में अधिक समय बिताने के लिए कहा गया है. पार्टी को सत्ता में वापस लाना हमारा कर्तव्य है और हमने साथ काम करने का वादा किया है.''
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उन्होंने कहा कि मेकेदातु परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर पार्टी की ‘पदयात्रा' 27 फरवरी से शुरू होगी और बेंगलुरु के नेशनल कॉलेज मैदान पर तीन मार्च को समाप्त होगी. इस यात्रा के लिए शिवकुमार ने राज्य की जनता एवं विभिन्न संगठनों से सहयोग मांगे हैं.