- कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच सत्ता संघर्ष जारी है.
- डीके शिवकुमार के समर्थक कई विधायक दिल्ली पहुंचकर कांग्रेस आलाकमान से मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा कर रहे हैं.
- 2023 के सत्ता साझेदारी समझौते के तहत सिद्धारमैया को ढाई साल और बाद में शिवकुमार को CM पद मिलना था.
Karnataka Congress Crisis: दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में खलबली मची है. कर्नाटक में मुख्यमंत्री परिवर्तन के मुद्दे पर सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर सत्ता संघर्ष जारी है. कर्नाटक कांग्रेस के नेता मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के खेमे में बंट चुके हैं. इस बीच डीके शिवकुमार खेमे के कई विधायक राजधानी दिल्ली में पहुंच चुके हैं. जो पार्टी आलाकमान से मिलकर अपनी बातें पहुंचाना चाहता है. दिल्ली पहुंचे कर्नाटक कांग्रेस विधायकों की एक तस्वीर भी सामने आई है. जिसमें डीके शिवकुमार खेमे के कई विधायक एक साथ नजर आ रहे हैं.
2023 के सत्ता साझेदारी समझौते को लेकर खलबली
दरअसल कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में सीएम परिवर्तन का यह मामला 2023 में हुए सत्ता-साझेदारी समझौते पर आधारित है, जिसके तहत सिद्धरमैया को ढाई साल (20 नवंबर तक) मुख्यमंत्री रहना था और इसके बाद यह जिम्मेदारी उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार को मिलनी थी. इसे 'नवंबर क्रांति' कहा जा रहा है.
डीके खेमे के कई विधायक दिल्ली में, तस्वीर आई सामने
इसी समझौते के तहत डीके शिवकुमार खेमे के विधायक इकबाल हुसैन (रामनगर), एच सी बालकृष्ण (मगदी, नयना मोटाम्मा (मुदिगेरे), शिवगंगा बसवराज (चन्नागिरी), उदय गौड़ा दिल्ली पहुंच चुके हैं. दिल्ली में इन सभी की एक साथ की पहली तस्वीर सामने आई है.
दिल्ली पहुंचे कर्नाटक के विधायकों की पहली तस्वीर आई सामने.
खरगे बेंगलुरु में, राहुल भी जल्द विदेश से लौटेंगे
इसके अलावा और भी कई विधायकों के दिल्ली पहुंचने की चर्चा है. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे फिलहाल बेंगलुरु में हैं और वह जल्द ही दिल्ली जाने वाले हैं, वहीं कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी के भी विदेश यात्रा से लौटने की संभावना है.
पिछले सप्ताह भी दिल्ली पहुंचे थे कई विधायक
शिवकुमार का समर्थन करने वाले लगभग दस विधायकों ने पिछले सप्ताह नयी दिल्ली जाकर खरगे से मुलाकात की थी. राज्य में कांग्रेस सरकार ने 20 नवंबर को अपने ढाई साल पूरे कर लिए. हालांकि, शिवकुमार ने तब कहा था कि उन्हें विधायकों के खरगे से मिलने के लिए दिल्ली जाने की जानकारी नहीं है.
सिद्धारमैया पूरे 5 साल सरकार चलाने का कर रहे दावा
शिवकुमार का समर्थन करने वाले विधायकों के दिल्ली जाने के बाद, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को बेंगलुरु स्थित खरगे के आवास पर उनके साथ एक घंटे से ज्यादा समय तक बैठक की. पार्टी सूत्रों के अनुसार, सिद्धरमैया अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल पर जोर दे रहे हैं, वहीं शिवकुमार चाहते हैं कि पार्टी पहले नेतृत्व परिवर्तन पर फैसला करे.
खरगे बोल चुके- आलाकमान तय करेगा
पार्टी के कई अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, अगर कांग्रेस आलाकमान मंत्रिमंडल में फेरबदल को मंजूरी दे देता है, तो यह संकेत होगा कि सिद्धरमैया पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेंगे, जिससे शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं कम हो जाएंगी.
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