कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख ने लोकसभा चुनाव में पांच मंत्रियों की संतानों को टिकट देने का बचाव किया

कांग्रेस नेता और कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री शिवकुमार ने कहा कि हम नए चेहरों और युवाओं पर विचार कर रहे हैं. चुनाव जीतने के लिए हम ठोस पृष्ठभूमि वाले लोगों के नाम पर विचार कर रहे हैं.

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कांग्रेस में टिकट बंटवारे में नेताओं के बच्चों को प्राथमिकता देने पर डीके शिवकुमार ने सफाई दी है.
बेंगलुरु:

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस द्वारा उम्मीदवारों की दूसरी सूची में राज्य के पांच मंत्रियों की संतानों को टिकट देने का शुक्रवार को बचाव करते हुए कहा कि उनके चयन में जीतने की क्षमता को ध्यान में रखा गया. पार्टी के खिलाफ भाई-भतीजावाद की आलोचना पर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने दावा किया कि पूरे देश में राजनीतिक व्यवस्था अब बदल गई है और सभी राजनीतिक दलों में मंत्रियों या नेताओं के परिवार के सदस्यों या संतानों को चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा जा रहा है.

शिवकुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम नए चेहरों, युवाओं पर विचार कर रहे हैं. चुनाव जीतने के लिए हम ठोस पृष्ठभूमि वाले लोगों के नाम पर विचार कर रहे हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘सभी स्थानीय नेता उनका (मंत्रियों के बच्चे जो उम्मीदवार हैं का) समर्थन कर रहे हैं. वे पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, उन्हें पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है.'' कांग्रेस द्वारा बृहस्पतिवार को घोषित 17 उम्मीदवारों की सूची में पांच मंत्रियों की संतानों के नाम शामिल हैं.

कांग्रेस नेता सतीश जरकीहोली की बेटी प्रियंका जरकीहोली (चिक्कोडी), रामलिंगा रेड्डी की बेटी सौम्या रेड्डी (बेंगलुरु दक्षिण), शिवानंद पाटिल की बेटी संयुक्ता एस पाटिल (बगलकोट), लक्ष्मी हेब्बालकर के बेटे मृणाल रवींद्र हेब्बालकर (बेलगाम) और ईश्वर खंड्रे के बेटे सागर खंड्रे (बीदर) चुनाव लड़ेंगे.

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