"वो हमें भड़का रहे हैं...", महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने की कड़ी टिप्पणी

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र की विधानसभा में लाए गए एक प्रस्ताव की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा है कि वो हमें भड़का रहे हैं और हमें बांटने की धमकी दे रहे हैं.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
बेंगलुरु:

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र की विधानसभा में लाए गए एक प्रस्ताव की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा है कि वो हमें भड़का रहे हैं और हमें बांटने की धमकी दे रहे हैं. हम इसकी निंदा करते हैं. राज्य पुनर्गठन अधिनियम (1956 में) पारित हुए कई दशक बीत चुके हैं. दोनों राज्यों में लोग सद्भाव से रहते हैं. महाराष्ट्र  इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है और इस तरह का प्रस्ताव पारित करना सिर्फ एक राजनीतिक नौटंकी है. हम अपने फैसलों पर कायम हैं. कर्नाटक का एक इंच भी महाराष्ट्र में नहीं जाएगा. 

कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, तो उन्होंने ऐसा प्रस्ताव क्यों पारित किया? हमारा प्रस्ताव उनसे अलग है. हमारा संकल्प कहता है कि हम अपनी कर्नाटक (भूमि) नहीं जाने देंगे, जबकि वे कहते हैं कि इसे हमसे छीनना चाहते हैं." जब मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, तो संकल्प का कोई मतलब नहीं है. हम सुप्रीम कोर्ट में विश्वास करते हैं.

बताते चलें कि इससे पहले महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद पर कर्नाटक विधानसभा में गुरुवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया था. इस प्रस्ताव में राज्य के हितों की रक्षा का संकल्प व्यक्त किया गया था. सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में महाराष्ट्र द्वारा “खड़े किए गए” सीमा विवाद की आलोचना की गई थी. बोम्मई द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया था कि कर्नाटक की भूमि, जल, भाषा और कन्नडिगा के हितों से संबंधित मामलों पर कोई समझौता नहीं. कर्नाटक के लोगों और सदस्यों (विधानसभा के) की भावनाएं इस विषय पर एक हैं, और अगर यह प्रभावित होता है, तो हम सभी एकजुट होकर राज्य के हितों की रक्षा के लिए संवैधानिक और कानूनी उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

Advertisement

कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने महाराष्ट्र विधानसभा में पारित, कर्नाटक के मराठी भाषी गांवों को शामिल करने के प्रस्ताव की निंदा करते हुए कहा कि पड़ोसी राज्य को एक भी गांव नहीं दिया जाएगा. शिवकुमार ने कहा कि इस मुद्दे पर पूरा कर्नाटक एकजुट है और महाराष्ट्र विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव की कड़ी निंदा करता है.  कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘पूरा कर्नाटक और कांग्रेस पार्टी हमारे राज्य के गांवों को महाराष्ट्र में शामिल करने के उनके प्रस्ताव की कड़ी निंदा करती है.

Advertisement

बताते चलें कि महाराष्ट्र कर्नाटक सीमा विवाद के बीच मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा ने सर्व सम्मति से कर्नाटक राज्य में शामिल 865 मराठी भाषी गांवों को महाराष्ट्र में शामिल करने का प्रस्ताव पास किया. इस प्रस्ताव का महाराष्ट्र में सभी दलों ने समर्थन किया है.

Advertisement

ये भी पढ़ें-

Featured Video Of The Day
Digital Arrest के शिकंजे में ऐसे फंसते हैं लोग, नहीं काम आती कोई समझदारी
Topics mentioned in this article