कंझावला कांड : गुजरात से आई नेशनल फॉरेंसिक साइंस की टीम कर रही है कार की गहन जांच

गुजरात से आई नेशनल फॉरेंसिक साइंस की टीम ने कार के नीचे के हिस्से को सही तरह से जांच करने के लिए बाकायदा क्रेन को बुलाया है. क्रेन के ज़रिए कार को ऊपर उठाया जा रहा है, जिसके बाद एक्सपर्ट की टीम कार के उस हिस्से की जांच करेगी जहां अंजलि फंसी थी.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
गांधीनगर से आई नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की टीम कर रही है कंझावला केस की जांच

कंझावला कांड में गांधी नगर (गुजरात) से आई नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की टीम सुल्तान पुरी पुलिस स्टेशन में कार की जांच कर रही है. लाश की एक डमी बनाई गई है. फोरेंसिक सबूत इकठ्ठा करने की कवायद की जा रही है. कार के नीचे के हिस्से को सही तरह से जांच करने के लिए बाकायदा क्रेन को बुलाया गया है. क्रेन के ज़रिए कार को ऊपर उठाया जा रहा है, जिसके बाद एक्सपर्ट की टीम कार के उस हिस्से की जांच करेगी जहां अंजलि फंसी थी.

गौरतलब है कि सभी आरोपियों को सोमवार को रोहिणी कोर्ट में पेश किया गया था. रोहिणी कोर्ट ने सभी 6 आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने आरोपियों का कथित तौर पर बचाव करने वाले मामले के एक अन्य आरोपी अंकुश खन्ना को शनिवार को जमानत दे दी थी. पुलिस ने इस मामले में पहले दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था. बाद में, आशुतोष और अंकुश खन्ना  को गिरफ्तार किया गया था. इस बीच आरोपी आशुतोष ने आज जमानत याचिका लगाई है. उसकी जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी.

इससे पहले आरोपियों ने माना है कि गाड़ी के नीचे अंजलि के फंसे होने की बात उन्हें पता थी. आरोपियों ने पुलिस से कहा कि हादसे के बाद उन्होंने कई बार कार का यू टर्न लिया, क्योंकि वे बहुत डर गए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने ये भी माना है कि गाड़ी में तेज म्यूजिक चलने वाली कहानी झूठी थी.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Gujarat Bulldozer Action: Pahalgam Attack के बाद सख्ती, Police ने 2 दिन में 890 संदिग्धों को पकड़ा
Topics mentioned in this article