नेताजी सुभाष चंद्र बोस के 1941 में अंग्रेजों की कैद से भाग निकलने में कालका मेल की अहम भूमिका थी.रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कालका मेल का नाम बदलकर नेताजी एक्सप्रेस करने की घोषणा की.
देश के स्वाधीनता आंदोलन के नायकों में से एक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाए जाने के निर्णय के बाद केंद्र की बीजेपी सरकार ने ऐतिहासिक ट्रेन कालका मेल का नाम बदलने की भी घोषणा की है. इसे अब नेताजी एक्सप्रेस के नाम से जाना जाएगा. पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले इन घोषणाओं को काफी अहम माना जा रहा है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को 130 साल पुरानी इस ट्रेन का नाम बदलने का ऐलान किया. इस ट्रेन का इस्तेमाल नेताजी ने 1941 में ब्रिटिश हुकूमत की कैद से फरार होने के दौरान किया था. शनिवार 23 जनवरी को नेताजी की 125वीं जयंती होगी.
गोयल ने ट्वीट कर कहा, "हम स्वाधीनता संग्राम में सुभाष चंद्र बोस के अविस्मरणीय योगदान को सलाम करते हैं. उनकी जयंती को अब पराक्रम दिवस के तौर पर मनाया जाएगा. भारतीय रेलवे ने भी हावड़ा-कालका मेल को नेताजी एक्सप्रेस नाम देने का निर्णय किया है."कालका मेल को मूल रूप से नंबर "1 Up / 2 Dn" के तौर पर जाना जाता है, जो उसके आजादी के पूर्व के रेल कनेक्टिविटी से जुड़ा है. कालका मेल को 'ईस्ट इंडियन रेलवे मेल' के तौर पर 1866 में अपनी यात्रा शुरू की थी. उसके रूट को दिल्ली से कालका के बीच 1891 में बढ़ाया गया.