सिर्फ नई खोजों पर ध्‍यान देंगे, स्‍पेस से जुड़ी ज्‍यादातर गतिविधियां उद्योगों के हवाले करेंगे: ISRO प्रमुख

शिवन ने कहा, ‘‘अंतरिक्ष क्षेत्र की गतिविधियों का भविष्य अब बदल रहा है, अब तक अंतरिक्ष से जुड़ी गतिविधियां केवल इसरो तक की ही सीमित थी लेकिन अब इसमें निजी क्षेत्र को भी समान अवसर उपलब्ध करा रहे हैं.’’

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
इसरो प्रमुख ने कहा, ‘‘अंतरिक्ष क्षेत्र की गतिविधियों का भविष्य अब बदल रहा है (फाइल फोटो)
बेंगलुरू:

भारतीय अंतरिक्षण अनुसंधान संगठन (ISRO) अब केवल भविष्य की नई खोजों पर ही ध्यान देगा और अंतरिक्ष से जुड़ी अपनी ज्यादातर गतिविधियों को उद्योगों के हवाले कर देगा. इसरों के चेयरमैन के. शिवन (Chairman K Sivan) ने यह जानकारी दी है. सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र को अब निजी क्षेत्र के लिये खोल दिया है. शिवन अंतरिक्ष विभाग (DoS) के सचिव भी हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले साल जून में इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने को लेकर सुधारों की जो शुरुआत की है उससे उद्योग जगत में काफी उत्साह जगा है. 

2022 में अब होगा चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण, 3 भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजने की है योजना

शिवन ने कहा, ‘‘अंतरिक्ष क्षेत्र की गतिविधियों का भविष्य अब बदल रहा है, अब तक अंतरिक्ष से जुड़ी गतिविधियां केवल इसरो तक की ही सीमित थी लेकिन अब इसमें निजी क्षेत्र को भी समान अवसर उपलब्ध करा रहे हैं.'' शिवन एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे. इसका आयोजन यूनिवर्सिटी आफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) ने किया. उन्होंने कहा कि इसरो अपनी प्रौद्योगिकी को निजी क्षेत्र के साथ भी साझा करेगा और उन्हें अपनी सुविधाओं के इस्‍तेमाल का अवसर भी उपलब्ध कराएगा. उन्होंने कहा, ‘‘हम उनकी पूरी मदद करेंगे और उन्हें इसरो के स्तर तक लाने का काम करेंगे ताकि इसरो अब तक जो भी औद्योगिक प्रकृति के काम कर रहा है उन सबको उद्योगों के हवाले किया जा सके और हम भविष्य की नई खोज में अपना पूरा ध्यान लगा सकें. इससे भारत को अंतरिक्ष विज्ञान के अगले स्तर तक ले जाया जा सकेगा.'' 

ISRO ने जारी किए 'चंद्रयान-2' के शुरुआती आंकड़े, चांद के रहस्यों से हटेगा पर्दा!

शिवन ने कहा, भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने के लिये किये गये सुधारों के हिस्से के तौर पर निजी क्षेत्र को सभी अंतरिक्ष गतिविधियों में भाग लेने की सुविधा के लिये ‘भारतीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकार केन्द्र (इन- स्पेस) की स्थापना की घोषणा की गई है. यह एक स्वायत निकाय होगा जो कि अंतरिक्ष विभाग के तहत काम करेगा और अंतरिक्ष गतिविधियों के लिये, इसरो की सुविधाओं का इस्तेमाल करने के मामले में नियमन और निगरानी करने वाली शीर्ष एजेंसी होगी.

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Gadgets 360 with Tech Guruji: क्या आप दुनिया के पानी से चलने वाले कंप्यूटर के बारे में जानते हैं?
Topics mentioned in this article