- केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विजयादशमी के मौके पर ग्वालियर स्थित गोरखी मंदिर में पूजा-अर्चना की.
- सिंधिया और उनके पुत्र महान आर्यमन ने राजसी वेशभूषा में देवघर पहुंचकर रियासतकालीन शस्त्र पूजन किया.
- दशहरे के अवसर पर सिंधिया राजघराने की ढाई सौ साल पुरानी पूजा परंपरा के तहत राजदरबार लगाया गया.
विजयादशमी पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का ग्वालियर में राजशाही अंदाज दिखा. वो अपने बेटे के साथ पूजा-पाठ करते नजर आए. जिसकी तस्वीरें और वीडियो भी सामने आए. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुद से सोशल मीडिया पर चार तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा- विजयादशमी के पावन अवसर पर ग्वालियर स्थित हमारे पैतृक गोरखी मंदिर में परंपरानुसार दर्शन किए और प्रार्थना कर भगवान से देश व प्रदेश की प्रगति तथा ख़ुशहाली का आशीर्वाद मांगा.
दरअसल विजयादशमी के मौके पर ग्वालियर में सिंधिया परिवार के सदस्य और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके पुत्र महान आर्यमन ने दशहरे की विशेष पूजा की. इस अवसर पर राजघराने का राजशाही अंदाज भी नजर आया.
दशहरे के अवसर पर सिंधिया राजघराने के प्रतिनिधि देवघर में विशेष पूजा अर्चना करते हैं. इस परंपरा के मुताबिक सिंधिया राजवंश के प्रतिनिधि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर के गोरखी स्थिति देवघर पहुंचे, जहां उन्होंने रियासतकालीन शस्त्र पूजन किया.
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और पुत्र महान आर्यमन सिंधिया राजसी वेशभूषा पहनकर देवघर पहुंचे और करीब आधे घंटे तक पूजा अर्चना की. इसके बाद रियासतकालीन शस्त्र की पूजा की गई.
पूजन के बाद सिंधिया ने महाआरती भी की है. यहां सिंधिया रियासतकालीन परंपरा के तहत राज दरबार लगाया गया, जिसमें सिंधिया रियासत के सरदारों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और आर्यमन सिंधिया का स्वागत किया. इस मौके पर सिंधिया की रियासत के सरदारों और परिवारों के सदस्यों से भी बातचीत हुई.
दशहरे के पूजन के बाद केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए प्रदेशवासियों देशवासियों को दशहरे की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि दशहरे का शुभ अवसर हमारे शहर के लिए हमारे संभाग, प्रदेश और देश के लिए मंगलमय हो और विकासशील हो. साथ ही भगवान की कृपा बनी रहे, यही कामना करता हूं.
सिंधिया राजघराने के राजकीय पुजारी मधुकर पुरंदरे ने बताया है कि सिंधिया राजघराने की दशहरे की पूजा की ढाई सौ साल पुरानी परंपरा है, जो निरंतर जारी है. उसी के तहत सिंधिया राजघराने के प्रतिनिधियों ने पूजा अर्चना की.
केंद्रीय मंत्री सिंधिया जब अपने पुत्र के साथ गोरखी पहुंचे तो वहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. उन्होंने सिंधिया को दशहरे की शुभकामनाएं दी.