संसद के नए भवन के उद्घाटन को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल आमने-सामने हैं. विपक्षी पार्टियों का कहना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जगह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित किया जाना राष्ट्रपति का और देश के आदिवासी तथा पिछड़े समुदायों का 'अपमान' है. इस पर पलटवार करते हुए
केंद्रीय आवासन और शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि नए संसद भवन की आलोचना करने और इसकी आवश्यकता पर सवाल उठाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष और अन्य योग्य लोग अब संविधान के एक लेख को गलत तरीके से पेश करके 'गोलपोस्ट' को स्थानांतरित कर रहे हैं!
हरदीप पुरी ने कहा, "अतीत में माननीय राष्ट्रपति के बारे में अपने नेताओं द्वारा की गई अभद्र टिप्पणियों के बाद, कांग्रेस अध्यक्ष अब उनके चुनाव पर अनावश्यक टिप्पणियां करती हैं! दुखद है कि राष्ट्रीय पार्टी होने का दावा करने वाली कांग्रेस में भारत की प्रगति में राष्ट्रीय भावना और गर्व की भावना का अभाव है. यदि वे 24 अक्टूबर 1975 के दिन को याद करें, जिस दिन श्रीमती इंदिरा गांधी ने संसदीय एनेक्सी का उद्घाटन किया था, तो उन्हें बेहतर महसूस करना चाहिए! या फिर 15 अगस्त 1987 को जब राजीव गांधी ने पार्लियामेंट लाइब्रेरी की नींव रखी थी!" उन्होंने कहा कि अब अपने पाखंड को सही ठहराने के लिए लेख खोजने के बजाय वे सिर्फ मुस्कुरा क्यों नहीं सकते और इस महत्वपूर्ण उपलब्धि और महानता की ओर भारत के साथ जुड़ सकते हैं!
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि राष्ट्रपति मुर्मू भी चाहती हैं कि मोदी नए भवन का उद्घाटन करें. प्रधानमंत्री 28 मई को इसका उद्घाटन करने वाले हैं. इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "वह (राष्ट्रपति मुर्मू) भारत की प्रथम नागरिक हैं. उनके द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक औचित्य के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा.
कांग्रेस पर निशाना साधते भाजपा मीडिया विभाग के प्रभारी अनिल बलूनी ने कहा, 'राहुल गांधी की अराजकतावादी राजनीति के कारण उसकी विकृत मानसिकता अधिक गहरी हो गई है और यह पूरी तरह से नजर आ रहा है, क्योंकि देश संसद के नए भवन के उद्घाटन का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, जो भारतीय लोकतंत्र का प्रतीक होगा.' उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं की टिप्पणियां 'नकारात्मक और पराजयवादी मानसिकता' को दर्शाती हैं.