बुजुर्गों के लिए कोरोना वायरस (Corona Virus) बेहद जानलेवा माना जाता था, लेकिन जीने की ललक और जज्बे से बूढ़े भी इस महामारी को मात दे रहे हैं. पश्चिम बंगाल की भवतारिणी समंता (Bhavatarini Samantha) का 100वां जन्मदिन (100th Birthday) सिर्फ एक महीने दूर था, तभी वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गईं. लेकिन डॉक्टरों और परिवार के सदस्यों को अचरज में डालते हुए, उन्होंने कोरोना वायरस को मात दे दी. समंता को 99 साल 11 महीने की उम्र में बुखार और सांस लेने में तकलीफ के बाद 24 नवंबर को फूलेश्वर इलाके के कोविड-19 (Covid-19) अस्पताल में भर्ती किया गया था. शुरुआती जांच में उनमें कोरोना के लक्षण पाए गए. इसके बाद उनकी कोविड-19 की जांच कराई गई. जांच में उन्हें कोरोना पॉजिटिव पाया गया.
अस्पताल के निदेशक शुभाशीष मित्रा ने कहा कि उन्हें कई तरह की दिक्कतें थीं. उनके इलाज के लिए एक मेडिकल टीम गठित की गई. उन्होंने बताया था, ‘‘समय से देखभाल के साथ, वह ठीक होने लगीं. हमें खुशी है कि हम उन्हें कोविड -19 मुक्त कर सके और 100वें जन्मदिन से पहले ही उन्हें घर भेज सके.'' शनिवार को महिला जब एम्बुलेंस से अपने घर रवाना होने लगीं तो डॉक्टरों, नर्सों और अस्पताल के अन्य कर्मचारियों ने उनके लिए गीत गाए, उन्हें फूल और मिठाइयां भेंट कीं.
आमतौर पर कोरोना को 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए बेहद जानलेवा माना जाता है. ऐसे लोगों को घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है. बुजुर्गों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर मौत की आशंका ज्यादा रहती है. हालांकि देश-विदेश में ऐसे सैकड़ों मामले सामने आए हैं, जब 80-90 साल के बुजुर्गों ने भी कोरोना की महामारी को हरा दिया.