मैनर, गुस्सा, कूड़ेदान... राज्यसभा में खूब घमासान, JPC रिपोर्ट पर भारी हंगामे की पूरी कहानी

JPC रिपोर्ट पर हुए हंगामे के बीच नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे विपक्ष का पक्ष रखने के लिए खड़े हुए. उन्होंने कहा, 'हम सांसद हैं, हमें बार बार धमकाया जा रहा है.' इस पर धनखड़ खरगे से अनुरोध करते दिखे कि आपको गुस्सा आएगा तो मुझे परेशानी होगी सर.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
वक्फ बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट को लेकर राज्यसभा में हुआ हंगामा
नई दिल्ली:

राज्यसभा में गुरुवार को वक्फ बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट पेश होने पर खूब हंगामा बरपा. राष्ट्रपति का संदेश न पढ़ने दिए जाने से सभापति जगदीप धनखड़ बुरी तरह नाराज नजर आए और उन्होंने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. 10 मिनट बाद सदन शुरू होने पर भी हंगामा नहीं थमा. इस हंगामे के दौरान बिल को दोबारा जेपीसी में भेजने की मांग कर रहे नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट से कुछ चीजें डिलीट की गई हैं. उन्होंने कहा कि डिसेंट नोट को भी सदन में रखा जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि ऐसी फर्जी रिपोर्ट को नहीं माना जाएगा. वार-पलटवार के इस सिलसिले में सभापति धनखड़ और खरगे के बीच कुछ तीरो-तंज भी खूब चले. जानिए राज्यसभा में क्या क्या हुआ...

विपक्षी सांसदों ने जेपीसी की रिपोर्ट पर कुछ चिंता जाहिर की थी, मैंने इसे चेक किया. रिपोर्ट के किसी हिस्से से कोई भी चीज नहीं हटाई गई है. सदन में पूरी रिपोर्ट पेश की गई है. आप किस आधार पर इस तरह के मुद्दे को उठा सकते हैं. मुझे बहुत दर्द है कि विपक्षी सांसद सदन को गुमराह कर रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू

बिल पेश और हंगामा 

राज्यसभा में जैसे ही वक्फ बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट पेश हुई विपक्ष सांसदों ने इसका विरोध करते हुए  शोर शराबा शुरू कर दिया. सभापति जगदीप धनखड़ विपक्षी सांसदों को शांत करते रहे, लेकिन वे नहीं माने. इस बीच उन्होंने राष्ट्रपति का संदेश पढ़ना शुरू किया, लेकिन हंगामा जारी रहा. इससे नाराज धनखड़ ने इसे राष्ट्रपति का अपमान बताया. हंगामा न थमने पर सदन की कार्यवाही 11 बजकर 20 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी गई.

Advertisement
खरगे जी पहले आप आसन ग्रहण कीजिए. मेरा आपसे अनुरोध है कि जब हम सदन को शालीनता से चला सकते हैं, तो यदि दो या तीन सदस्य यहां आकर जो आचरण कर रहे हैं, यह चिंतन का विषय है. यह क्या दिखाना चाहते हैं? इससे पूरा राष्ट्र जुड़ा हुआ है. यह एक ऐसा विषय है जिस पर सभी के अलग-अलग मत होंगे. यह सदन इन विचारों का संगम होगा. मेरा अनुरोध है कि आप सभी सदन के सम्मानित सदस्य हैं. आपको पता है कि जेपीसी की रिपोर्ट की अहमियत क्या है. अंत में यह सदन के समक्ष आती है. सदन में इस पर मंथन होगा. अगर एक समानता नहीं आएगी, तो एक विधिक प्रक्रिया के जरिए फैसला होगा. यह फैसला नारेबाजी या फिर वेल में आने से नहीं होगा.

'आपको मैनर सीखना चाहिए'

जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो हंगामा जारी रहा. इससे बुरी तरह नाराज सभापति धनखड़ ने कुछ विपक्ष सांसदों को चेतावनी देते हुए कहा- आपको कुछ बेसिक मैनर सीखना चाहिए.

सिलेक्ट कमिटी कैसे काम करेगी इसकी व्याख्या नियम 72 से 92 तक में की गई है. रूल 92 के सबरूल में शक्ति दी गई है कि कमिटी के चेयरमैन को अगर कुछ बातें अनुचित लगती हैं, तो वह मिनट्स ऑफ डिंसेंट्स में उन्हें हटा सकते हैं. विपक्ष इस पर बेवजह हंगामा कर रहा है.

राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव

खरगे से बोले सभापति- आप गुस्सा न करें

इस हंगामे में कुछ हल्के-फुल्के लम्हे भी नजर आए. नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे विपक्ष का पक्ष रखने के लिए खड़े हुए. उन्होंने कहा, 'हम सांसद हैं, हमें बार बार धमकाया जा रहा है.' इस पर धनखड़ खरगे से अनुरोध करते दिखे कि आपको गुस्सा आएगा तो मुझे परेशानी होगी सर. उन्होंने  विपक्षी सांसदों से कहा जब सोनिया गांधी सदन में बोल रही थीं, तो सदन बिल्कुल शांत था. बाकी सदस्यों के बोलने पर भी ऐसा ही रहना चाहिए. इस पर चुटकी लेते हुए खरगे ने कहा कि वह उनकी सलाह मानते हैं. लेकिन नड्डा साहब को भी सदस्यों को कंट्रोल में रखना चाहिए. 

हमने अपना पक्ष रखा. आप उससे सहमत हो सकते हैं. असहमत हो सकते हैं. लेकिन उसे कूड़ेदान में कैसे डाल सकते हैं. विविधता में एकता भारत की विशेषता है. अलग अलग धर्म के लोगों को अपनी धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से पूजा अर्चना उपासना करने की छूट है. आज आप वक्फ की संपत्ति को कब्जा कर रहे हैं. कल आप गुरुद्वारे की करेंगे. फिर मंदिर की करेंगे. फिर चर्च की करेंगे.

AAP सांसद संजय सिंह

'यह फर्जी रिपोर्ट है'

खरगे ने कहा कि वक्फ बोर्ड की जेपीसी की रिपोर्ट में अनेक सदस्यों ने असहमति का नोटिस दिया है. इस नोटिस के बावजूद उसे सदन की कार्यवाही से निकालना, और बहुसंख्यक सदस्यों के विचार ही उसमें रखना, लोकतंत्र की प्रक्रिया के खिलाफ है. खरगे ने कहा कि आपको अगर कुछ करना भी है तो असहमति नोटिस में दिए विचारों को प्रिंट करके अपनी रिपोर्ट में रखना चाहिए. उसको डिलीट करके रखने की मैं भर्त्सना करता हूं. ऐसी फर्जी रिपोर्ट को हम और सदन कभी नहीं मानेगा. खरगे ने विपक्षी सदस्यों के विरोध का बचाव करते हुए कहा कि सदस्य आखिर आक्रोशित क्यों होते हैं, इस पर विचार किया जाना चाहिए. यह उनके घर का सवाल नहीं है. जो आक्रोशित हो रहे हैं, वे पूरे समाज के लिए, जिन पर अन्याय हो रहा है, उसका वो विरोध कर रहे हैं. 


 विपक्ष पर नड्डा का निशाना

नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा,  'संसद के अंदर वाद-विवाद, विषयों के बारे में चर्चा और सहमति असहमति चलती रही है, लेकिन हमें परंपराओं को ध्यान में रखना चाहिए. परंपराओं को ध्यान में रखते हुए संवैधानिक प्रावधान के तहत प्रजातांत्रिक तरीके से सदन की कार्यवाही को चलने देना चाहिए. हमें खेद है कि आपके बार-बार अनुरोध के बावजूद राष्ट्रपति जी का संदेश आपको पढ़ने नहीं दिया गया. विपक्ष ने जिस तरह की भूमिका निभाई है, वह गैरजिम्मेदाराना है. जब उनका मेसेज पढ़ा जाएगा, तो हाउस ऑर्डर में होना चाहिए था, जो नहीं है. हम इसकी निंदा करते हैं.'

Featured Video Of The Day
बंधक नहीं छोड़े तो बर्बाद कर देंगे, इजरायली धमकी के बाद हूती लड़ाई को तैयार
Topics mentioned in this article