जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा, कोविड की एक खुराक वाली वैक्सीन के ट्रायल के लिए भारत से हो रही वार्ता

दुनिया के ज्यादातर देशों में अभी कोरोना की जो वैक्सीन इस्तेमाल की जा रही है, उन सभी में दो खुराक देना जरूरी होता है. इसमें मॉडर्ना, फाइजर, एस्ट्राजेनेका, भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन या रूस की स्पूतनिक वी आदि शामिल हैं.

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Johnson & Johnson कोरोना वैक्सीन के शोध एवं विकास पर काम कर रही है.

अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (US pharma giant Johnson & Johnson) ने कहा है कि वह कोविड की एक खुराक वाली वैक्सीन (Single Dose Covid Vaccine) के शुरुआती स्तर के परीक्षणों के लिए भारत सरकार के संपर्क में है. दुनिया के ज्यादातर देशों में अभी कोरोना की जो वैक्सीन इस्तेमाल की जा रही है, उन सभी में दो खुराक देना जरूरी होता है. इसमें मॉडर्ना, फाइजर, एस्ट्राजेनेका, भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन या रूस की स्पूतनिक वी आदि शामिल हैं. भारत में फिलहाल एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन लगाई जा रही है. नौ करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना की यह वैक्सीन दी जा चुकी है. 

जॉनसन एंड जॉनसन ने शुक्रवार को इस बाबत एक बयान जारी किया. इसमें कहा गया है कि वह सिंगल डोज कोविड वैक्सीन के प्रारंभिक चरण के क्लीनिकल ट्रायल (clinical Trial) के लिए भारत सरकार के संपर्क में है. सूत्रों का कहना है कि कंपनी जल्द ही भारत में दवा नियामक ( Drug Regulator) से ट्रायल करने की मंजूरी के लिए अनुरोध करेगी. जॉनसन एंड जॉनसन ने बताया कि वह जैनसेन कोविड-19 वैक्सीन के क्लीनिकल स्टडी को आगे बढ़ाना चाहती है और इसके लिए भारत के दवा नियामक से मंजूरी ली जाएगी.

अमेरिकी कंपनी ने कहा है कि हम दुनिया भर में कोरोना की प्रभावी और सुरक्षित वैक्सीन उपलब्ध कराने की कोशिश में जुटे हैं. अगर स्थानीय स्वास्थ्य एजेंसियां इसके लिए इजाजत देती हैं.

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