झारखंड की PMLA कोर्ट ने हेमंत सोरेन को 5 दिन की ED की रिमांड पर भेजा

हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई करने से ये कहते हुए इनकार कर दिया कि आपको पहले हाईकोर्ट जाना चाहिए.

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हेमंत सोरेन को पांच दिनों की रिमांड पर भेजा गया
नई दिल्ली:

झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को PMLA कोर्ट ने 5 दिनों की रिमांड पर भेज दिया है. ED ने हेमंत सोरेन की दस दिन की रिमांड की मांग की थी. बता दें कि हेमंत सोरेन को ED ने जमीन घोटाला मामले में कुछ दिन पहले ही गिरफ्तार किया था. हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करने से यह कहते हुए इनकरा कर दिया कि ये मामला रांची हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में पहले आता है. ऐसे में आपको पहले वहां जाना चाहिए.

बता दें कि ED द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद चंपाई सोरेन ने झारखंड के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है. चंपाई सोरेन को कुछ दिन पहले ही विधायक दल का नेता चुना गया था. बताया जाता है कि चंपाई सोरेन पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के परिवार के बेहद करीबी हैं.

चंपाई सोरेन को 10 दिन में साबित करना होगा बहुमत

चंपाई सोरेन की कैबिनेट में आलमगीर आलम और सत्यानंत भोक्ता भी शामिल हुए हैं. उन्होंने भी मंत्री पद की शपथ ली है. बता दें कि चंपई सोरेन को बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है. हेमंत सोरेन की कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के 24 घंटे से ज्यादा समय के बाद राज्यपाल ने गुरुवार देर शाम उन्हें शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया था. जानकारी ये भी सामने आई है कि  विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद चंपई सोरेन अपने कैबिनेट का विस्तार करेंगे. इस बार मंत्रिमंडल में कई नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं.

ED ने हेमंत सोरेन पर लगाए हैं गंभीर आरोप

गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद दावा किया था कि गिरफ्तार किये गए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अवैध कब्जे व उपयोग में करीब 8.5 एकड़ कुल क्षेत्रफल के एक दर्जन भूखंड हैं. बता दें कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के शीघ्र बाद सोरेन (48) को ईडी ने बुधवार रात गिरफ्तार कर लिया था. एजेंसी ने दिन में उनसे सात घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता के खिलाफ संघीय एजेंसी ने जो आपराधिक मामला दर्ज किया है वह जून 2023 की ईसीआईआर (प्राथमिकी के समान) से उपजा है. इससे पहले, राज्य सरकार के कर्मचारियों और राजस्व विभाग के उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के खिलाफ राज्य में विभिन्न स्थानों पर छापे मारे गए थे.

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