झारखंड सरकार (Jharkhand Government) ने महिलाओं को लेकर बड़ा फैसला किया है. सोरेन सरकार ने मंईयां सम्मान योजना (Maiya Samman Yojana) में राशि बढ़ाने की घोषणा की है. इस योजना में महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये की राशि मिलती थी, जिसे बढ़ाकर 2500 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई. इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में कुल 29 प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंईयां सम्मान योजना को लेकर एक्स पर एक पोस्ट किया है. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, "मइयां सम्मान योजना हुई और सशक्त."
राज्य की कैबिनेट सेक्रेटरी वंदना डाडेल ने बताया कि इस योजना के तहत अभी 18 से 50 वर्ष की करीब 50 लाख महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जा रही है. अब तक तीन किस्तों की राशि उनके बैंक खातों में भेजी जा चुकी है. दिसंबर महीने से उन्हें बढ़ी हुई राशि का लाभ दिया जाएगा. इस प्रकार उन्हें सालाना 12 हजार रुपए के बदले 30 हजार दिए जाएंगे.
9 हजार करोड़ का अतिरिक्त खर्च
उन्होंने बताया कि इसका लाभ 53 लाख महिलाओं को मिलेगा. इस बढ़ोतरी की वजह से राज्य सरकार को इस योजना में लगभग नौ हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा.
झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान में कुछ ही वक्त बचा है. ऐसे में कैबिनेट का यह निर्णय हेमंत सोरेन सरकार का बड़ा दांव माना जा रहा है.
हेमंत सोरेन सरकार का BJP को जवाब!
इस योजना के लागू होने के बाद सरकार की ओर से राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिला सम्मान यात्रा निकाली जा रही है. 5 अक्टूबर को भाजपा ने ‘मंईयां सम्मान योजना' के जवाब में ‘गोगो दीदी योजना' लाने का ऐलान किया था, जिसके तहत राज्य में पार्टी की सरकार बनने पर प्रतिमाह महिलाओं को 2,100 रुपए की राशि देने का वादा किया गया है.
भाजपा की घोषणा के बाद अब हेमंत सोरेन सरकार ने इस योजना के शुरू होने के दो महीने में ही इसकी राशि ढाई गुनी बढ़ा दी है.
62 हजार शिक्षकों को मिलेगा EPF का लाभ
इसके साथ ही कैबेनिट की बैठक में एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में झारखंड के 62 हजार पारा शिक्षकों (सहायक शिक्षक) को ईपीएफ का लाभ दिया जाएगा. इस मांग को लेकर उन्होंने 15 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था.
कैबिनेट ने राज्य में दिव्यांग और अनाथ बच्चों की उच्च शिक्षा के दौरान उनकी ट्यूशन फीस सरकारी खजाने से चुकाने का भी निर्णय लिया है.
असम में रह रहे 15 लाख आदिवासियों के लिए भी योजना
साथ ही राज्य में माइनॉरिटी स्कूल के रूप में संचालित मदरसों को पूरी तरह राज्य योजना के तहत संचालित करने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगाई गई. कैबिनेट में लिए गए एक अन्य फैसले के अनुसार, असम में रह रहे झारखंड के 15 लाख आदिवासियों को झारखंड सरकार की ओर से लाभान्वित करने के लिए विशेष योजना लाई जाएगी. इन आदिवासियों को असम में एसटी का दर्जा नहीं मिला है.
कैबिनेट की ओर से मंजूर किए गए प्रस्ताव के अनुसार, राज्य सरकार की ओर से एक सर्वदलीय टीम इन आदिवासियों की स्थिति के अध्ययन के लिए असम जाएगी और उसकी रिपोर्ट पर उनके कल्याणार्थ और सहायतार्थ योजनाएं शुरू की जाएंगी.