जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल ने 'धीमी गति से बढ़ते कैंसर' के इलाज के लिए मांगी जमानत

केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के आरोपी एवं जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल ने पिछले महीने यानी जनवरी में एक विशेष अदालत में हाथ जोड़कर कहा था कि वह ‘जिंदगी की आस खो चुके हैं' और इस स्थिति में जीने से ‘बेहतर होगा कि वह जेल में ही वह मर जाएं.

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नरेश गोयल ने जमानत के लगाई गुहार

धन शोधन के मामले में आरोपी एवं जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल (Naresh Goyal ) ने बृहस्पतिवार को यहां एक विशेष अदालत के समक्ष याचिका दायर कर ‘धीमी गति से बढ़ते कैंसर' के उपचार के लिए अंतरिम जमानत देने का अनुरोध किया. इस बीमारी का खुलासा निजी डॉक्टरों द्वारा किए गए परीक्षणों के दौरान हुआ. अदालत ने गोयल की चिकित्सा रिपोर्ट की जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित करने का प्रारंभिक आदेश पारित किया क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनकी अंतरिम जमानत याचिका पर जवाब देने के लिए समय मांगा.

निजी डॉक्टरों की जांच में इस बीमारी का पता चला

पिछले महीने, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत विशेष न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने गोयल को निजी डॉक्टरों द्वारा चिकित्सा परीक्षण कराने की अनुमति दी थी. अंतरिम जमानत की याचिका में जेट एयरवेज के संस्थापक गोयल ने कहा कि निजी डॉक्टरों द्वारा की गई जांच के दौरान घातक बीमारी का पता चला.

जिंदगी की आस खो चुके हैं : नरेश गोयल

केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के आरोपी एवं जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल ने पिछले महीने यानी जनवरी में एक विशेष अदालत में हाथ जोड़कर कहा था कि वह ‘जिंदगी की आस खो चुके हैं' और इस स्थिति में जीने से ‘बेहतर होगा कि वह जेल में ही वह मर जाएं. अदालती रिकार्ड के अनुसार, नम आंखों से 70 वर्षीय गोयल ने कहा कि उन्हें अपनी पत्नी अनीता की कमी बहुत खलती है, जो कैंसर के अंतिम चरण में हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित बैंक धोखाधड़ी के सिलसिले में पिछले साल एक सितंबर को गोयल को गिरफ्तार किया था. वह अभी यहां आर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में हैं.

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नरेश गोयल बोले- स्वास्थ्य बहुत बिगड़ गया है 

 अदालत के ‘रोजनामा' के अनुसार गोयल ने हाथ जोड़कर और कांपते हुए कहा था कि ‘उनका स्वास्थ्य बहुत बिगड़ गया है.'' गोयल ने कहा कि उनकी पत्नी बिस्तर पर पड़ी हैं और उनकी एकमात्र बेटी भी अस्वस्थ हैं. उन्होंने कहा कि जेल कर्मियों की भी उनकी मदद करने की सीमाएं हैं. न्यायाधीश ने कहा कि मैंने उनकी बात ध्यान से सुनी और जब वह अपनी बात रख रहे थे तो मैंने उन्हें ध्यान से देखा. मैंने पाया कि उनका शरीर कांप रहा था. उन्हें खड़ा होने के लिए सहारे की जरूरत है.

न्यायाधीश ने कहा था कि उन्हें बेसहारा नहीं छोड़ा जाएगा

गोयल ने अपने स्वास्थ्य की स्थिति, पत्नी की बीमारी, जे जे अस्तपाल में आने जाने आदि विभिन्न परेशानियों के बारे में विस्तार से बताया. न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने जो कुछ कहा, मैंने उनकी हर बात पर गौर किया है. मैंने आरोपी को आश्वस्त किया कि उन्हें बेसहारा नहीं छोड़ा जाएगा और उनके मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य का हर संभव ख्याल रखा जाएगा और इलाज कराया जाएगा. अदालत ने उनके वकीलों को उनके स्वास्थ्य के सिलसिले में उपयुक्त कदम उठाने का निर्देश दिया था.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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