शरद यादव (फाइल फोटो)
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पटना में आज राजद की रैली
इस रैली में शामिल होने के लिए शरद को जदयू ने रोका
कहा-अगर जाएंगे तो पार्टी से निकाल दिए जाएंगे
पार्टी के नेताओं को भी शरद यादव के इस बाग़ी तेवर का अंदाजा है, इसलिए रविवार को ही उनके खिलाफ कार्रवाई की घोषणा कर दी जाएगी. शरद समर्थकों को भरोसा है कि सदस्यता रद होने पर लालू यादव उन्हें निश्चित रूप से अगले साल अपनी पार्टी के टिकट पर राज्य सभा भेजेंगे.
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बढ़ती खटास
शरद और नीतीश के बीच यों तो रिश्ते पिछले कई साल से असहज हो गए थे जहां नीतीश ने 2014 में दो बागी उम्मीदवारों और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को उनके समर्थन के लिए शरद के प्रति नाराज़गी का कारण बताया जा रहा है, वहीं शरद यादव पार्टी अध्यक्ष से हटाए जाने और लालू से रिश्ते खत्म करने के लिए नीतीश के कदम से अपने को अलग-थलग पा रहे थे. लेकिन जहां नीतीश इस बात से संतुष्ट हैं कि बिहार की राजनीति में शरद के कट्टर समर्थक जैसे विजेंदर यादव, दिनेश चरण यादव और नरेंद्र नारायण यादव जैसे लोगों ने उनसे किनारा कर लिया, वहीं केसी त्यागी ने भी नीतीश के साथ रहने में अपने राजनीतिक भविष्य के लिहाज से बेहतरी समझी.
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VIDEO: नीतीश की शरद को खुली चुनौती
हालांकि लालू यादव इस बात से खुश हैं कि उनके जीवन में शरद यादव जिस चारा घोटाले को मुद्दा बनाकर उनसे अलग हुए थे, वहीं आज उससे कहीं ज़्यादा भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगने के बाद उनके साथ खड़े हैं.
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