मां के दर्शन को बेचैन भक्त, वैष्णो देवी से कटरा तक 11वें दिन भी सन्नाटा, कोरोना के बाद सबसे मुश्किल वक्त

कोरोना महामारी के बाद ये पहली बार है जब माता वैष्णो देवी यात्रा (Vaishno Devi Yatra) इतने लंबे समय के लिए रोकी गई है. इससे पहले साल 2020 में कोरोना महामारी के दौरान जब लॉकडाउन लगा था तब वैष्णो देवी यात्रा 6 महीने तक बंद की गई थी.

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Vaishno devi
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  • जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण वैष्णो देवी यात्रा 10 दिनों से स्थगित है.
  • रेलवे ने कटरा रूट की 22 ट्रेनों को 30 सितंबर तक अलग-अलग तारीखों में रद्द कर दिया है.
  • प्रशासन ने लैंडस्लाइड की आशंका को देखते हुए कटरा के 15 होटल और 80 असुरक्षित इमारतें खाली करवा ली हैं.
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कटरा:

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर के लिए यात्रा शुक्रवार को लगातार 11वें दिन (Vaishno Devi Yatra Halted) भी स्थगित रही. 26 अगस्त को भूस्खलन के बाद यात्रा स्थगित कर दी गई थी. इस भूस्खलन में 34 लोगों की मौत हो गई थी और 20 अन्य घायल हुए थे. हालांकि दस दिन की भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के बाद मौसम में काफी सुधार हुआ है और धूप निकली है, लेकिन अधिकारियों ने अभी तक यात्रा को फिर से शुरू करने पर कोई फैसला नहीं लिया है. 

कटरा पूरी तरह से वीरान पड़ा है. बाजारों में सन्नाटा है, क्यों कि श्रद्धालुओं का आवाजाही पर रोक लगी हुई है. रेलवे ने इस रूट की 22 ट्रेनों को 30 सितंबर तक अलग-अलग तारीखों में रद्द कर दिया है.

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सभी पहलुओं के आकलन के बाद ही शुरू होगी यात्रा

एक अधिकारी ने कहा कि यात्रा अब भी स्थगित है. तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पिछले हफ्ते यह फैसला लिया गया था. यात्रा को फिर से शुरू करने का निर्णय सभी पहलुओं का आकलन करने के बाद उचित समय पर लिया जाएगा.

इस बीच, माता वैष्णो देवी मंदिर के आधार शिविर जम्मू और कटरा के बीच शुरू की गई लोकल ट्रेन सेवाएं निलंबित रहीं.

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बता दें कि कोरोना महामारी के बाद ये पहली बार है जब माता वैष्णो देवी यात्रा इतने लंबे समय के लिए रोकी गई है. इससे पहले साल 2020 में कोरोना महामारी के दौरान जब लॉकडाउन लगा था तब वैष्णो देवी यात्रा 6 महीने तक बंद की गई थी. 2021 में कोरोना की दूसरी लहर में यात्रा बंद नहीं की गई थी. हालांकि बहुत कम लोग दर्शन के लिए पहुंचे थे. 


कटरा के एक व्यापारी अरविंद कुमार ने कहा कि यात्रा के स्थगित होने से आधार शिविर और आसपास के इलाके वीरान हो गए हैं.  होटल खाली पड़े हैं, रेस्टोरेंट में कोई ग्राहक नहीं है और परिवहन सेवा भी ठप पड़ी है. श्राइन बोर्ड ने यात्रा के दोबारा शुरू होने तक हेलीकॉप्टर सेवाएं और आवास सहित सभी बुकिंग रद्द कर दी हैं और यात्रियों को 100 प्रतिशत रिफंड की सुविधा दी गई है. 

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अधिकारियों का कहना है कि रियासी जिला प्रशासन और श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं, और मार्ग तथा सड़कों की मरम्मत का कार्य जारी है. लैंडस्लाइड की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने कटरा आधार शिविर क्षेत्र में 15 होटल समेत 80 असुरक्षित इमारतों को एहतियातन खाली करवा लिया है. एक अधिकारी ने बताया कि इन होटलों या इमारतों में अब कोई तीर्थयात्री नहीं है. साथ ही, संरचनात्मक सुरक्षा और संभावित जोखिमों का आकलन करने के लिए विस्तृत सर्वेक्षण किया जा रहा है.

लगातार बारिश के कारण भूस्खलन के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रशासन ने बचाव योजनाओं और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है. 

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अर्धकुंवारी मंदिर क्षेत्र में भीषण हादसे के बाद से यात्रा लगातार बंद है. आधार शिविर कटरा में करीब 700 श्रद्धालु रुके हुए हैं और यात्रा शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. कई श्रद्धालु पूरे दिन दर्शनी ड्योढ़ी पर डटे रहते हैं ताकि मार्ग खुलते ही भवन की ओर बढ़ सकें. बता दें कि 27 अगस्त को भारी बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से श्री माता वैष्णो देवी यात्रा स्थगित कर दी गई थी. अधकुंवारी मार्ग पर अचानक हुए लैंडस्लाइड में 34 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें ज्यादातर श्रद्धालु थे.वहीं 20 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. 


बता दें कि अगस्त 2023 और 2024 में करीब 7,10,914 और 7,48,030 तीर्थयात्रियों ने माता वैष्णोदेवी के दर्शन किए थे, लेकिन इस साल  26 अगस्त को बादल फटने की घटना के चलते उनकी संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई. जुलाई में 6,77,652 श्रद्धालु गुफा मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे.
 

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