कश्‍मीर में बन रहे दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल को मेहराब तकनीक के जरिये किया जाएगा पूरा, यह हैं खूबियां...

पुल को भूकंप से जुड़े साइज्मिक जोन-5 के हिसाब से तैयार किया जा रहा है. यह पुल रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता वाला भूकंप भी झेल सकता है. 

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यह रेलवे पुल, फ्रांस के एफिल टावर से भी 35 मीटर ऊंचा है
नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में चिनाब नदी पर बन रहे रेलवे पुल को आज मेहराब तकनीक यानी हैंगिंग आर्च के जरिए पूरा किया जाएगा. ये दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल होगा और इसकी कुल ऊंचाई 467 मीटर होगी. दूसरे शब्‍दों में कहें तो ये रेलवेे पुल,  फ्रांस के एफिल टावर से भी 35 मीटर ऊंचा है कश्मीर के रियासी जिले के दो गांव बक्कल और कौड़ी के बीच बह रही चिनाब नदी पर ये पुल बन रहा है ये ब्रिज 1.3 किमी लंबा है. इसके पिलर्स साधारण नहीं हैं. इस तरह के स्ट्रक्चर के लिए बहुत मजबूत आधार की जरूरत होती है. इसलिए पुल के पिलर का बेस 36.5 मीटर लंबा और 50 मीटर चौड़ा है

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पुल को भूकंप से जुड़े साइज्मिक जोन-5 के हिसाब से तैयार किया जा रहा है. यह पुल रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता वाला भूकंप भी झेल सकता है. दुनिया का सबसे ऊंचा यह रेलवे पुल अगले साल होने की उम्‍मीद है. यह पुल कश्मीर घाटी को शेष भारत से जोड़ेगा. यह नदी तल से 359 मीटर ऊंचाई पर होगा. केन्द्र सरकार के शीर्ष पेशेवरों की प्रत्यक्ष निगरानी के तहत बीते एक साल के दौरान पुल का निर्माण कार्य तेज कर दिया गया है. योजना के अनुसार 2022 के अंत तक कश्मीर घार्टी को ट्रेन सेवाओं से जोड़ने का लक्ष्‍य है.

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