जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेन्स के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने एक तस्वीर ट्वीट कर आरोप लगाया है कि प्रशासन ने उनके आवास के बाहर दोनों गेट पर ट्रक खड़े करवा दिए हैं ताकि वो घर से बाहर न निकल सकें और गुपकर अलायंस द्वारा आयोजित विरोध-प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सके.
अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, "सुप्रभात.. 2022 में आपका स्वागत है. नए साल में भी जम्मू-कश्मीर पुलिस अवैध रूप से लोगों को उनके घरों में नजरबंद कर रही है. प्रशासन सामान्य लोकतांत्रिक गतिविधि से भी भयभीत है. @JKPAGD के शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन को भंग करने के उद्देश्य से पुलिस ने हमारे घर के दोनों गेट के बाहर ट्रक खड़े कर दिए हैं. कुछ चीजें कभी नहीं बदलतीं."
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “एक अराजक पुलिस राज्य की बात करें, तो पुलिस ने मेरे पिता के घर को मेरी बहन के घर से जोड़ने वाले आंतरिक द्वार को भी बंद कर दिया है. फिर भी हमारे नेताओं के पास दुनिया को यह बताने की हिम्मत है कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है.”
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता एवं गठबंधन के प्रवक्ता एम वाई तारिगामी ने कहा कि यह दुखद है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन “इतना डरा हुआ है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति नहीं दे पा रहा है.” उन्होंने कहा, “यही स्थिति तब और भी खराब हो जाती है जब लोगों को जनता के सामने अपनी राय रखने की भी अनुमति नहीं होती है.”
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी नजरबंद किया गया है. उन्होंने कहा, 'मेरे घर के बाहर भी एक ट्रक खड़ा है.'
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गुपकर अलायंस ने जम्मू संभाग में विधानसभा की छह और कश्मीर में एक सीट बढ़ाने के परिसीमन आयोग के प्रस्ताव के खिलाफ शनिवार को श्रीनगर में प्रदर्शन करने की बात कही थी. आयोग की सिफारिशों के बाद जम्मू में सीट संख्या 43 और कश्मीर में 47 हो सकती है
अब्दुल्ला परिसीमन आयोग की मसौदा सिफारिशों को लेकर सरकार पर हमलावर हैं और परिसीमन आयोग की सिफारिशों की आलोचना कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि परिसीमन आयोग कश्मीर के लोगों को शक्तिहीन करने के भारतीय जनता पार्टी के एजेंडा को पूरा कर रहा है.