Jammu Kashmir Election Results 2024: अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों पर किसका पलड़ा है भारी, 6 पर BJP आगे

जम्मू कश्मीर विधानसभा में रामनगर, कठुआ, बिश्नाह, सुचेतगढ़,मढ़, अखनूर औ राम गढ़. ये सभी सीटें जम्मू संभाग में आती हैं. कश्मीर घाटी में कोई भी सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित नहीं है.

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नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने संसद में विधेयक लाकर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों में बांट दिया था.नए केंद्र शासित प्रदेश बने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख. जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में विधानसभा सीटें बढ़ाने के बाद राज्य में परिसीमन कराया गया.परिसीमन आयोग का गठन 6 मार्च 2020 को किया गया था.सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई इसकी अध्यक्ष थीं. इस आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्र और उप चुनाव आयुक्त चंद्र भूषण कुमार इसके सदस्य बनाए गए थे.परिसीमन आयोग ने इस नए केंद्र शासित प्रदेश अनुसूचित जाति के लिए सात सीटें आरक्षित करने का प्रावधान किया था. इनमें से 6 सीटों पर बीजेपी और एक सीट रामनगर पर जेकेएनपीपीआई के उम्मीदवार ने बढ़त बनाई है. 

शुरुआती रूझान में अखनूर और सुचेतगढ़ विधानसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवारों ने बढ़त बनाई हैं. वहीं कांग्रेस के नीरज कुंदन बिश्नाह सीट पर आगे चल रहे हैं.

जम्मू कश्मीर में कितनी सीटें एससी के लिए आरक्षित हैं

परिसीमन आयोग की सिफारिश पर जम्मू कश्मीर विधानसभा में रामनगर, कठुआ, बिश्नाह, सुचेतगढ़,मढ़, अखनूर औ राम गढ़. ये सभी सीटें जम्मू संभाग में आती हैं.कश्मीर में अनुसूचित जाति के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं है.जम्मू कश्मीर के इतिहास में पहली बार ये सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई हैं. 

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जम्मू कश्मीर में दलित आबादी कितनी है

दलित वोटों की राजनीति जम्मू संभाग की करीब 20 सीटें ऐसी हैं, जहां एससी की आबादी 20 फीसदी से अधिक है. ऐसे में ये मतदाता राज्य की अगली सरकार के चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे. इस साल हुए लोकसभा चुनाव में अगर विधानसभा वार बढ़त की बात करें तो बीजेपी को इसमें बढ़त मिली थी.बीजेपी ने एससी के लिए आरक्षित छह सीटों पर और कांग्रेस एक सीट पर बढ़त बनाई थी. राज्य के बाकी के दल इन दोनों दलों से पीछे रह गए थे.

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