राज्यपाल सत्यपाल मलिक.
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'मौका देता तो अस्थिर सरकार बनती'
मैंने राज्य के हित में लिया फैसला- राज्यपाल
साथ ही उन्होंने कहा, 'मैंने यह फैसला राज्य के हित में लिया है. मेरे पास कोई आया नहीं, किसी ने विधायकों की परेड भी नहीं करवाई. मैंने किसी से बातचीत नहीं की. मैंने यह काम जम्मू-कश्मीर के संविधान के तहत किया है. जम्मू-कश्मीर के संविधान में प्रावधान है कि मुझे इस काम के लिए राष्ट्रपति या देश के संसद से अनुमति नहीं लेनी पड़ती. ये मेरा अधिकार था तो मैंने ऐसा किया. महबूबा मुफ्ती बहाने बाजी कर रही हैं. अगर उन्हें कुछ गलत लगता है तो वो कोर्ट जाएं. सोशल मीडिया से सरकार नहीं बनती. पार्टियां एक दिन पहले भी आ सकती थीं. किसी ने अपना आदमी तक नहीं भेजा.'
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इसके अलावा राज्यपाल ने कहा कि आगे क्या होगा वह चुनाव आयोग तय करेगा. मेरा काम राज्य का विकास करने का था, जो मैंने किया.
बता दें, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कांग्रेस और एनसी के समर्थन के साथ बुधवार को सरकार बनाने का दावा पेश किया था. लेकिन उनके दावे का पत्र राजभवन फैक्स नहीं हो पाया था, जिसके बाद उन्होंने टि्वटर पर वह पत्र शेयर कर दिया था.
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