हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का दफ्तर कुर्क, अदालत के आदेश पर NIA का एक्शन

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस 26 अलगाववादी संगठनों का एक समूह है. इसका गठन 1993 में किया गया था. सरकार द्वारा अलगाववादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के बाद अगस्त 2019 से हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का राजबाग स्थित कार्यालय बंद है.

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हुर्रियत कॉन्फ्रेंस 26 अलगाववादी संगठनों का एक समूह है.
श्रीनगर:

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने आतंकवाद के वित्त पोषण से जुड़े एक मामले में दिल्ली की एक अदालत के आदेश पर श्रीनगर के राजबाग स्थित हुर्रियत कांफ्रेंस के कार्यालय को रविवार को कुर्क कर दिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि संघीय जांच एजेंसी की एक टीम रविवार सुबह हुर्रियत के दफ्तर पहुंची और परिसर की बाहरी दीवार पर कुर्की का नोटिस चिपका दिया.

नोटिस में कहा गया है, “सभी लोगों को सूचित किया जाता है कि राजबाग में जिस भवन में ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का कार्यालय स्थित है और जिसका स्वामित्व नईम अहमद खान के पास है, जो वर्तमान में मुकदमे का सामना कर रहा है, उसे दिल्ली के पटियाला हाउस स्थित विशेष एनआईए अदालत के 27 जनवरी 2023 के आदेश पर कुर्क किया गया है.”

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस 26 अलगाववादी संगठनों का एक समूह है. इसका गठन 1993 में किया गया था. सरकार द्वारा अलगाववादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के बाद अगस्त 2019 से हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का राजबाग स्थित कार्यालय बंद है. मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाली हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने कहा कि समूह के कार्यालय की कुर्की से लोग कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान की उनकी इच्छा से विमुख नहीं होंगे.

संगठन ने एक बयान में कहा, “जम्मू-कश्मीर की कमान और नियंत्रण संभालने वालों को पता होना चाहिए कि कश्मीर संघर्ष के समाधान को देखने और बेखौफ शांति से रहने की भावना और इच्छा जम्मू-कश्मीर के लोगों में निहित है... ईंट-गारे की इमारतों को कुर्क करने से लोग अपनी इस भावना से विमुख नहीं होंगे. वे शांतिपूर्ण समाधान की मांग करते रहेंगे.”

हुर्रियत ने अदालत के आदेश को “असंतुलित” करार दिया. इसने फिर से जेल में बंद अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं की रिहाई की भी मांग की.

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