मां-बाप.. 2 बेटियां, 1 बेटा समेत पूरा परिवार खत्म, जैसलमेर बर्निंग बस की रुला देने वाली कहानी

Jaisalmer Bus Accident News: जैसेलमेर में हुए बस हादसे ने एक परिवार की सारी खुशियां छीन लीं. दिवाली की छुट्टी मनाने जा रहा परिवार इस हादसे में मारे गए. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह जल गए हैं कि उनका डीएनए टेस्ट कराना होगा.

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जैसलमेर बस हादसे में एक ही परिवार के 5 लोग मारे गए
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  • जैसलमेर बस हादसे में जोधपुर का एक पूरा परिवार ही खत्म हो गया है, हादसे में 20 लोगों की मौत
  • महेंद्र मेघवाल पत्नी और बच्चों को साथ छुट्टी मनाने के लिए दिवाली पर घर जा रहा था
  • रास्ते में ही मनहूस बस में आग लग गई, बस का दरवाजा लॉक हो गया और कई लोग मारे गए
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जैसलमेर:

महेंद्र मेघवाल अपनी पत्नी और बच्चों के साथ दीपावली की छुट्टी मनाने घर जा रहे थे. लेकिन उन्हें क्या पता था कि ये उनकी आखिरी यात्रा होगी. कितनी खुशी के साथ पत्नी पार्वती के साथ वो दीवाली की प्लानिंग कर रहे थे. पर उस मनहूस बस ने सबकी खुशियां छीन ली. जैसलमेर से महेंद्र अपने घर के लिए निकले थे. घर पर उनकी मां अपने पोते-पोतियों का इंतजार कर रही थीं. लेकिन तभी रास्ते में अनहोनी हो गई. इस अनहोनी ने कई परिवार की खुशियां छीन ली. दिवाली का त्योहार सबके लिए मातम में बदल गया. इस मनहूस बस हादसे में महेंद्र के पूरे परिवार समेत 20 लोगों की मौत हो गई.

पथरा गईं बूढ़ी मां की आंखें 

महेंद्र की बूढ़ी मां का इंतजार अब कभी खत्म नहीं होगा. उनके प्यारा बेटा अब कभी नहीं लौटेगा. जोधपुर से 100 किलोमीटर दूर डेचू गांव में अपने बेटे का इंतजार कर रही बूढ़ी मां की आंखें पथरा गई होंगी. मनहूस बस में आग की लपटों ने ऐसा रौद्र रूप दिखाया कि मरने वालों की पहचान तक होना मुश्किल हो रहा है. पुलिस अब डीएनए सैंपल लेने की तैयारी कर रही है. इस मनहूस बस में महेंद्र के साथ पत्नी पार्वती, बेटी खुशबू, बेटी, दीक्षा और बेटा शौर्य सब दुनिया छोड़ गए. महेंद्र की बूढ़ी मां पर क्या बीत रही होगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल होगा. 

आर्मी डिपो में तैनात थे महेंद्र 

महेंद्र जैसलमेर के आर्मी डिपो में तैनात थे. वो दिवाली की छुट्टी में जैसलमेर से अपने घर जोधपुर लौट रहे थे. पर 35 साल के महेंद्र के साथ जो अनहोनी हुई इसे सुनकर की कलेजा कांप जा रहा है. एक मनहूस बस ने महेंद्र के पूरे परिवार को लील लिया. एक घर की खुशियां मातम में बदल गई हैं. 

पुलिस महेंद्र की मां को जोधपुर लाने की कोशिश कर रही है. बताया जा रहा है कि अगर कोई परेशानी होगी तो जोधपुर से डॉक्टर्स की टीम को घेर भेजा जाएगा ताकि डीएनए टेस्ट लिया जा सके. महेंद्र की पत्नी के भाई पार्वती भी शव गृह पहुंच गए हैं. सबकी आंखों में आंसुओं का सैलाब है. ये न सह पाने वाला दर्द. हर आसमां से जमीन तक इस हादसे की तस्वीर देख रो रहा होगा. 

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