जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के संसदीय बोर्ड के असंतुष्ट अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा रविवार को पार्टी के सर्वोच्च नेता नीतीश कुमार के खिलाफ खुले विद्रोह पर उतर आए और उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को एक खुला पत्र जारी कर राजद के साथ ‘‘एक खास डील'' पर विमर्श के लिए लिए आमंत्रित किया है. कुशवाहा के पत्र पर अब बवाल मच गया है. विभिन्न पार्टियों के नेता इस संबंध में प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इसी क्रम में पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह ने चिट्ठी पर प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, " कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना. जेडीयू के समर्पित और निष्ठावान कार्यकर्ता साथियों को दिग्भ्रमित करने का प्रयास है. "ना कोई डील है और ना ही विलय की बात" - यह सिर्फ एक मनगढ़ंत कहानी है. "
बता दें कि कुशवाहा उस समय से नाराज चल रहे हैं जब बिहार के मुख्यमंत्री कुमार ने उन्हें अपना दूसरा उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलों को खारिज कर दिया था.
कुशवाहा ने जेडीयू कार्यकर्ताओं को लिखे पत्र में कहा कि पार्टी अपने आंतरिक कारणों से प्रतिदिन कमजोर होती जा रही है और महागठबंधन बनने के बाद बिहार के विधानसभा उपचुनावों के परिणाम आने के समय से ही वह पार्टी की स्थिति से मुख्यमंत्री को लगातार अवगत करा रहे हैं.
उन्होंने कहा,‘‘ समय-समय पर पार्टी की बैठकों में भी मैंने अपनी बातें रखीं हैं. विगत एक-डेढ महीने से मैंने हर संभव तरीके से कोशिश की है कि दिनोंदिन अपना अस्तित्व खोती जा रही पार्टी को बचाया जा सके.''
कुशवाहा ने पत्र में कहा है, ‘‘मेरी कोशिश आज भी जारी है. परन्तु तमाम प्रयासों के बावजूद मुख्यमंत्री द्वारा मेरी बातों की न सिर्फ अनदेखी की जा रहीं है बल्कि उसकी व्याख्या भी गलत तरीके से की जा रही है.''
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा है, ‘‘मेरी चिंता और जहां तक मैं समझता हूं आप सभी की चिंता भी इस बात को लेकर है कि अगर जदयू बिखर गया तो उन करोड़ लोगों का क्या होगा जिनके अरमान इस दल के साथ जुड़े हुए हैं और जिन्होंने बडे़-बडे़ कष्ट सहकर और अपनी कुर्बानी देकर इसके निर्माण में अपना योगदान किया है.''
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