विप्रो के बॉस रिशद प्रेमजी (Rishad Premji) ने इस हफ्ते बताया कि उसने "मूनलाइटिंग" (moonlighting) की वजह से 300 से अधिक लोगों को निकाल दिया है. उन्होंने कहा, वीकेंड पर एक बैंड का हिस्सा बनना प्रतिद्वंधी कंपनी के लिए चुपचाप काम करने से बहुत अलग है. साबुन बेचने से शुरू होकर टेक जगत में छा जाने वाली कंपनी का साथ वैश्विक टेक कंपनी आईबीएम (IBM) ने भी दिया है. आईबीएम का भारत में बड़ा आधार है और अब आईबीएम ने भी मूनलाइटिंग को एक "अनैतिक अभ्यास" बताया है. टेक जगत में नियमित काम के घंटों के बाद दूसरी नौकरी करने करने पर ईमानदारी को लेकर बहस तेज हो रही है.
श्री प्रेमजी ने हाल ही में एक ट्वीट कर कहा था- "यह धोकेबाज़ी है, सीधी और साफ बात है." उन्होंने ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (AIMA) में बुधवार को दिए भाषण में एक बार फिर इसपर जोर डाला. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, "उन्होंने कहा कि वो उनके ट्वीट के बाद मिलने वाले हेट मेल से विचलित होने वाले नहीं हैं. अपने ताजा स्टेटमेंट में उनकी कंपनी ने भी कड़ा रवैया अपना है. कंपनी की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया, " कुछ कर्मचारी ऐसे हालात में काम करते मिले जो सीधे तौर पर विप्रो के हितों के प्रतिकूल हैं और हमने उन्हें नौकरी से निकाल दिया."
पहले दी थी चेतावनी
उन्होंने कहा, कि आज लोग विप्रो में काम कर रहे हैं और सीधे तौर पर हमारे प्रतिद्वंधी के लिए भी काम रहे हैं. हमने सही में पिछले कुछ महीनों में ऐसे 300 लोगों का पता लगाया है जो ऐसा कर रहे थे. उन्हें सत्यनिष्ठा के उल्लंघन के कारण निकाल दिया गया है."
इस महीने की शुरुआत में ही इंफोसिस (Infosys) ने अपने कर्मचारियों को मूनलाइटिंग (moonlighting) करने के खिलाफ चेतावनी दी थी . टाइम्स ऑफ इंडिया ने इंफोसिस की तरफ से कर्मचारियों को भेजे गए एक ईमेल का हवाला देते हुए कहा इंफोसिस के ह्यूमन रिसोर्स डिपोर्टमेंट ने कहा कि मूनलाइटिंग कर्मचारी के काम करने की शर्तों के खिलाफ है और इसके उल्लंघन से नौकरी तक जा सकती है.
क्या होती है मूनलाइटिंग?
मूनलाइटिंग कर्मचारी को काम के घंटों के अलावा कुछ शर्तों के आधार पर दूसरी नौकरी करने की मंजूरी देता हैकोविड 19 (Covid19) के कारण मूनलाइटनिंग का प्रचलन बढ़ा जब कर्मचारियों को ऑफिस से दूर काम करने की मंजूरी दी गई. खास कर इंफॉर्मेशन टेकनॉलजी के क्षेत्र की कई कंपनियों को पता चला कि उनके कर्चचारी दफ्तर के काम के साथ दूसरों के लिए भी प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं. कंपनियों ने कहा कि इससे उनकी प्रोडक्टिविटी प्रभावित होगी और इसके कारण कंपनी के हितों को नुकसान पहुंच सकता है और डेटा चोरी भी हो सकता है.