बंगाल में सरकारी नौकरियों के लिए बांग्ला भाषा का ज्ञान होना जरूरी : ममता बनर्जी

मुख्यमंत्री ने कहा, “यह मैं सभी राज्यों को कह रही हूं. पश्चिम बंगाल में, अगर कोई व्यक्ति राज्य से है, तो उसे राज्य सरकार की नौकरियों में भर्ती के दौरान प्राथमिकता मिलनी चाहिए, भले ही उसकी मातृभाषा बंगाली न हो.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव एचके द्विवेदी को मामले को देखने और समाधान निकालने को कहा.
कोलकाता:

बंगाल में अब सरकारी नौकरियों के लिए स्थानीय भाषा यानी बंग्ला (Bengali) आना जरूरी होगा. पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार की नौकरियों में भर्ती के दौरान स्थानीय लोगों और स्थानीय भाषा जानने वालों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. बनर्जी ने कहा कि इस प्रथा से प्रशासनिक मामलों में आसानी होगी. मुख्यमंत्री ने यहां प्रशासनिक समीक्षा बैठक के दौरान कहा, “यह मैं सभी राज्यों को कह रही हूं. पश्चिम बंगाल में, अगर कोई व्यक्ति राज्य से है, तो उसे राज्य सरकार की नौकरियों में भर्ती के दौरान प्राथमिकता मिलनी चाहिए, भले ही उसकी मातृभाषा बंगाली न हो. मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है.”बनर्जी ने कहा, “लेकिन उस व्यक्ति को बंगाली आनी चाहिए और वह राज्य का निवासी होना चाहिए. अगर वह अधिक भाषाएं जानता है, तो यह अच्छा है. लेकिन स्थानीय भाषा का ज्ञान होना जरूरी है.”

राहुल गांधी की शिवसेना के साथ बैठक तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के लिए होगी करारा झटका!

उन्होंने बिहार और उत्तर प्रदेश के उदाहरणों का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि अगर इन राज्यों की सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों की भर्ती नहीं की जाती है, तो राज्य के निवासी अपनी-अपनी सरकारों के समक्ष इस मामले को उठाते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, “हर राज्य में हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्थानीय लोगों को नौकरी मिले.” बनर्जी ने कहा कि कई मामलों में, परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन के कारण अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों का स्थानीय लोगों के बजाय चयन कर लिया जाता है, लेकिन बंगाली की जानकारी की कमी के कारण उन्हें स्थानीय लोगों के साथ संवाद करने में समस्या का सामना करना पड़ता है और वे समस्याओं के समाधान में नाकाम रहते हैं.

ममता बनर्जी ने मशहूर कारोबारी गौतम अडानी से कोलकाता में की मुलाकात

बनर्जी ने कहा, "एसडीओ और बीडीओ बंगाली में लिखे गए पत्रों को पढ़ने या उनका जवाब देने में असमर्थ हैं. इसलिए, स्थानीय भाषा का ज्ञान जरूरी है अन्यथा वे लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते हैं.” उन्होंने मुख्य सचिव एच के द्विवेदी को मामले को देखने और समाधान निकालने का निर्देश दिया.

Advertisement

ममता बनर्जी के 'यूपीए' वाले बयान पर जमकर बरसी कांग्रेस

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Top 50 Headlines: India Pakistan Ceasefire | Indian Army | Defence Budget | Turkey | Azarbaijan
Topics mentioned in this article