यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालना सरकार का कर्तव्य है, कोई एहसान नहीं : राहुल गांधी

राहुल गांधी ने जो वीडियो जारी किया उसमें एक छात्रा यह कहते सुनी जा सकती है कि उसे यूक्रेन में रहते हुए कोई मदद नहीं मिली और रोमानिया पहुंचने के बाद स्वदेश लाया गया.

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राहुल गांधी ने कहा कि यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित लाना सरकार का कर्तव्य है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने गुरुवार को कहा कि युद्ध प्रभावित यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित लाना सरकार का कर्तव्य है तथा यह कोई अहसान नहीं है. उन्होंने यूक्रेन से वापस लौटी की छात्रा का वीडियो जारी कर ट्वीट किया, ‘‘निकासी (सरकार का) कर्तव्य है, कोई अहसान नहीं है.'' राहुल गांधी ने जो वीडियो जारी किया उसमें एक छात्रा यह कहते सुनी जा सकती है कि उसे यूक्रेन में रहते हुए कोई मदद नहीं मिली और रोमानिया पहुंचने के बाद स्वदेश लाया गया.

इससे पहले, राहुल गांधी और पार्टी के कुछ अन्य सांसद यूक्रेन संकट को लेकर बुलाई गई विदेश मंत्रालय की परामर्श समिति की बैठक में शामिल हुए. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी के सांसदों ने कहा कि रूस-यूक्रेन मामले में भारत को अपनी तटस्थ भूमिका बनाए रखनी चाहिए ताकि युद्धक्षेत्र से सभी भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला जा सके. हालांकि उनका यह भी दावा था कि केंद्र सरकार ने समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए.

पार्टी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस सांसदों ने इस बात का भी उल्लेख किया कि यूक्रेन की स्थिति को लेकर ‘भ्रमित करने वाले' परामर्श जारी किए गए जिस वजह से ज्यादातर छात्र समय पर वहां से नहीं निकल सके. इस बैठक में कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी के अलावा पाटीर् नेता आनंद शर्मा और शशि थरूर शामिल हुए. सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस सांसदों ने बैठक में कहा, ‘‘भारत सरकार को अपनी साख का इस्तेमाल करके दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करनी चाहिए थी ताकि हिंसा रुक पाती.''

बैठक में राहुल गांधी ने कहा, ‘‘फिलहाल तो हमारी प्राथमिकता यूक्रेन से अपने छात्रों को सुरक्षित निकालना होना चाहिए. युद्ध की स्थिति हमेशा चुनौतीपूर्ण होती है...ऐसे हालात में कोई बिल्कुल सटीक समाधान नहीं होता.'' उन्होंने अधिकारियों और भारतीय दूतावास के कार्यों की सराहना की. बैठक में शामिल कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया, ‘‘यूक्रेन के मुद्दे पर विदेश मंत्रालय से संबंधित परामर्श समिति की बैठक हुई. समग्र जानकारी और हमारे सवालों एवं चिंताओं का सटीक जवाब देने के लिए एस जयशंकर और उनके साथियों को आभार व्यक्त करता हूं. यही भावना है जिस पर विदेश नीति चलनी चाहिए.''

उन्होंने कहा, ‘‘ छह राजनीतिक दलों के नौ सांसदों ने बैठक में हिस्सा लिया. कांग्रेस से राहुल गांधी, आंनद शर्मा और मैं इसमें शामिल हुए. सौहार्दपूर्ण माहौल में खुलकर चर्चा हुई.'' थरूर ने कहा, ‘‘यह इस बात का स्मरण कराता है कि जब राष्ट्रीय हित की बात आती है तो हम सभी पहले भारतीय हैं.''

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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