सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री का नहीं आना दुख की बात, राहुल ने उठाई विशेष सत्र की मांग: खरगे

 कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा पहलगाम हमले के बाद हुई दूसरी सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शामिल न होना दुख की बात. खरगे ने कहा बैठक में हमने सरकार का पूरा साथ दिया है.

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नई दिल्ली:

 कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बृहस्पतिवार को कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर' के मद्देनजर आहूत सर्वदलीय बैठक के दौरान संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की, जिससे दुनिया में एक अच्छा संदेश जाएगा और देश को भरोसा मिलेगा. खरगे ने यह भी कहा कि इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सर्वदलीय बैठक में नहीं आना दुख की बात है.

आतंकवाद के खिलाफ हम आपके साथ हैं : खरगे

खरगे ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम चाहते थे कि इस सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री जी भी आएं और संक्षिप्त में अपनी बात रखें कि किस तरह भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की और हमारे जवानों ने हिम्मत दिखाई. प्रधानमंत्री खुद आकर सारी बातें बताते, जिससे सभी को उसका लाभ मिलता. वह पिछली सर्वदलीय बैठक में भी नहीं आए थे. यह बड़े दुख की बात है.'' उन्होंने कहा, ‘‘...‘इंडिया' गठबंधन सहित सभी विपक्षी दलों ने एक स्वर में सरकार से कहा है कि आप आगे बढ़िए, हम आपकी पूरी मदद करेंगे, हम आपके साथ हैं. हम सभी भारतीय सेना के साथ हैं.''  बैठक से बाहर निकलने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक में सरकार को पूरा समर्थन दिया है.उन्होंने कहा, ‘‘इस बैठक में राहुल गांधी जी ने एक मांग रखी कि सरकार को संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए, ताकि दुनिया में एक अच्छा संदेश जाए और देश को भरोसा मिले.'' खरगे का कहना था कि विशेष सत्र की मांग पर सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया.

देशहित से जड़ी खुफिया जानकारी नहीं ली : कॉंग्रेस अध्यक्ष

उनके अनुसार, बैठक में रक्षा मंत्री ने कहा कि इस वक्त ऐसे प्रश्न न पूछे जाएं, जो रक्षा से संबंधित खुफिया जानकारियों से जुड़े हैं. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम सभी पार्टियों ने देशहित में इसे गंभीरता से लेकर इस विषय में कोई प्रश्न नहीं पूछा.''खरगे ने कहा, ‘‘हमने इस संकट की घड़ी में सरकार को पूरा समर्थन दिया है. सभी दलों ने अपनी-अपनी बातें रखीं और कहा कि हम सैन्य बलों के साथ हैं.''

खरगे ने बताया, ‘‘हम सभी ने यह मुद्दा उठाया है कि सीमा पर लोगों (भारतीय नागरिकों) को पूरी सुरक्षा मिलनी चाहिए. कश्मीर में जिन्होंने अपनी जान गंवाई है, उनके परिवारों की देखभाल होनी चाहिए. हमने सरकार से आग्रह किया है कि वे नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें.'' उनके मुताबिक, सर्वदलीय बैठक में सरकार ने बताया है कि पाकिस्तान में सिर्फ उन्हीं जगहों पर हमला किया गया है, जहां आतंकवादी शिविर थे और आतंकियों को पनाह दी जाती थी.

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पहलगाम आतंकी हमले के बाद दूसरी बैठक

22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों और विपक्षी नेताओं की पिछले एक पखवाड़े में यह दूसरी बैठक थी. पहलगाम आतंकी हमले के प्रतिशोध में, भारतीय सशस्त्र बलों ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके शामिल हैं. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 नागरिकों की हत्या के दो सप्ताह बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत ये सैन्य हमले किए गए. इससे पहले सरकार ने पहलगाम हमले के बारे में सभी दलों के नेताओं को जानकारी देने के लिए 24 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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