राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि सरकारी विभागों के लिए शासन प्रणाली को नागरिक केंद्रित, कुशल और पारदर्शी बनाना जरूरी है. अधिकारियों के एक समूह को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि वे ऐसे समय में सरकारी सेवा में शामिल हुए हैं जब देश डिजिटल परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है.
मुर्मू ने कहा, ‘‘जनता के बीच पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के साथ-साथ सेवा वितरण में अधिक दक्षता की अपेक्षा बढ़ रही है. इन अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए सरकारी विभागों द्वारा प्रौद्योगिकी का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करना और शासन प्रणाली को नागरिक-केंद्रित, कुशल व पारदर्शी बनाना अनिवार्य है.''
भारतीय सिविल लेखा सेवा, भारतीय रक्षा लेखा सेवा और भारतीय डाक एवं दूरसंचार लेखा एवं वित्त सेवा के इन अधिकारियों ने मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की.
उन्होंने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, पीएफएमएस (सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली) के माध्यम से धन की वास्तविक समय की निगरानी, ई-बिल की शुरूआत और वित्तीय नियमों एवं प्रक्रियाओं के अद्यतनीकरण और सरलीकरण जैसे दूरदर्शी कदमों ने सरकार के कुशल कामकाज को बढ़ावा दिया है.
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आपका काम न केवल वित्तीय संसाधनों की उपयोगिता को अधिकतम करने तक सीमित है, बल्कि इसमें नीतिगत बदलावों के प्रभाव का विश्लेषण करना और वित्तीय प्रबंधन प्रणालियों सहित शासन की विभिन्न प्रणालियों में सुधार के लिए सुधारों का प्रस्ताव देना भी शामिल है.''
उन्होंने सुझाव दिया, 'आपके प्रयास नवीनतम तकनीक का उपयोग करने और हमारे लेखांकन और लेखा परीक्षा प्रणालियों को निर्बाध बनाने के लिए तंत्र विकसित करने के होने चाहिए.' मुर्मू ने कहा कि एक अच्छी सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली सुशासन का आधार है.
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