अब खुद का स्पेस स्टेशन बनाने का रास्ता साफ, इसरो ने स्पेडेक्स उपग्रहों को ‘डी-डॉक’ का काम किया पूरा

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में उपग्रहों की सफल ‘डी-डॉकिंग’ (अलग करने) की घोषणा की और कहा कि इससे भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन, चंद्रयान 4 और गगनयान सहित भविष्य के महत्वाकांक्षी मिशनों के सुचारू संचालन का मार्ग प्रशस्त होगा.

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने ‘स्पेडेक्स' उपग्रहों को ‘डी-डॉक' करने (अलग करने) का काम पूरा कर लिया है. इससे चंद्रमा की खोज, मानव अंतरिक्ष उड़ान और अपना स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने जैसे भविष्य के मिशन के लिए रास्ता साफ हो गया है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में उपग्रहों की सफल ‘डी-डॉकिंग' (अलग करने) की घोषणा की.

सिंह ने कहा कि स्पेडेक्स उपग्रहों ने अविश्वसनीय रूप से ‘डी-डॉकिंग' की प्रक्रिया को पूरा किया. इससे भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन, चंद्रयान 4 और गगनयान सहित भविष्य के महत्वाकांक्षी मिशनों के सुचारू संचालन का मार्ग प्रशस्त होगा. उन्होंने कहा, ‘‘इसरो की टीम को बधाई. यह हर भारतीय के लिए खुशी की बात है.'' सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का निरंतर मार्गदर्शन उत्साह को बढ़ाता है.

स्पेडेक्स मिशन पिछले साल 30 दिसंबर को शुरू किया गया था, जब इसरो ने अंतरिक्ष में ‘डॉकिंग' प्रयोग का प्रदर्शन करने के लिए दो उपग्रहों - एसडीएक्स01 और एसडीएक्स02 को कक्षा में स्थापित किया था. ‘स्पेस डॉकिंग' अंतरिक्ष में दो उपग्रहों को जोड़ने की प्रक्रिया को कहते हैं.

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कई प्रयासों के बाद अंतरिक्ष एजेंसी ने 16 जनवरी को दोनों उपग्रहों को सफलतापूर्वक ‘डॉक' किया था. बाद में, एक बयान में इसरो ने कहा कि ‘अनडॉकिंग' के बाद उसने उपग्रहों के साथ आगे के प्रयोगों की योजना बनाई है.

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इसने एक बयान में कहा, ‘‘स्पेडेक्स उपग्रहों को 16 जनवरी 2025 को सफलतापूर्वक ‘डॉक' किया गया था. इसरो ने अब 13 मार्च, 2025 को सुबह 09:20 बजे (भारतीय समायानुसार) पहले ही प्रयास में स्पेडेक्स उपग्रहों को ‘अनडॉक' करने का महत्वपूर्ण अभियान पूरा कर लिया.'' अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि उपग्रहों को अलग करने (अनडॉकिंग) की प्रक्रिया 460 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा में 45 डिग्री झुकाव के साथ हुई. इसने कहा कि उपग्रह अब स्वतंत्र रूप से परिक्रमा कर रहे हैं और उनकी स्थिति सामान्य है.. इसके साथ ही, इसरो ने अब वृत्ताकार कक्षा में ‘डॉकिंग' और ‘अनडॉकिंग' कार्यों के लिए आवश्यक सभी क्षमताओं का सफलतापूर्वक प्रदर्शन कर लिया है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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