हूती विद्रोहियों के खिलाफ इजरायल ने एक बार फिर बड़ा हमला बोला है. यमन की राजधानी सना पर इजरायल के लड़ाकू विमानों ने ताबड़तोड़ हमले किए हैं. इन हमलों में हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले सना एयरपोर्ट को निशाना बनाया गया है. इहरायल के हमले से हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले सना एयरपोर्ट पर भारी तबाही की खबर है. इजरायल की राजधानी तेल अवीव के बेन गुरियन एयरपोर्ट को हूती विद्रोहियों ने रविवार को बैलेस्टिक मिसाइल से निशाना बनाया गया था, जिसके बाद सोमवार को भी इजरायल ने यमन पर हमला किया था.
इजरायल के लड़ाकू विमान सना इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भारी बमबारी की. इजरायल के लड़ाकू विमानों द्वारा 20 से ज्यादा हमलों की खबर है.
इजरायल ने सना के साथ ही यमन के उत्तरी प्रांत अमरान में भी भीषण हवाई हमले किए. स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलों के बाद सना और अमरान दोनों पर घना काला धुआं उठ रहा था. सना में इजरायल ने अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के साथ ही ढाहबान बिजली संयंत्र और दो सैन्य स्थलों को निशाना बनाया.
सना में धमाके और धुएं का गुबार
इजरायल के लड़ाकू विमानों के हमले के बाद तेज धमाके सुने गए और धुएं का गुबार उठता देखा गया है. इस तरह के कुछ वीडियो भी सामने आए हैं.
इजरायली डिफेंस फोर्सेज के एक प्रवक्ता ने यमन के सना एयरपोर्ट को खाली करने का आदेश दिया था. उसके कुछ ही मिनट के बाद एयरपोर्ट पर हमले शुरू हो गए.
राजधानी से लगभग 60 किलोमीटर उत्तर में अमरान में हवाई हमलों ने कथित तौर पर एक कंक्रीट कारखाने को निशाना बनाया. बाद में इजरायली सेना ने पुष्टि की कि उसने हमले किए हैं, उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट अब ऑपरेशनल नहीं है और अमरान में कंक्रीट कारखाने को लेकर कहा कि इसका उपयोग हूतियों द्वारा सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जा रहा था.
एक दिन पहले हुदैदाह पर किया था हमला
एक दिन पहले भी इजरायल के करीब 30 लड़ाकू विमानों ने हूती विद्रोहियों के ठिकानों को निशाना बनाया था. इजरायल ने एयरस्ट्राइक में यमन के बंदरगाह शहर हुदैदाह पर भीषण बमबारी की थी. वहीं अमेरिका ने यमन के सना पर हमला किया था.
इजरायली हमलों से हुदैदाह में कम से कम चार लोग मारे गए और 39 अन्य घायल हो गए. हवाई हमलों ने शहर के साथ ही एयरपोर्ट, एक सीमेंट कारखाने और शहर के उत्तर-पूर्व में सैन्य स्थलों को निशाना बनाया, जिससे बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा.
तेल अवीव में बेन गुरियन एयरपोर्ट पर हूती विद्रोहियों ने बैलेस्टिक मिसाइल से हमला किया था. हमले के कारण करीब 25 फीट गहरा गड्ढा हो गया था. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले के बाद हूती विद्रोहियों को करारा जवाब देने का ऐलान किया था.