Advertisement

इस्कॉन इंडिया के चेयरमैन गोपाल कृष्ण गोस्वामी का हुआ निधन

अपनी समर्पित सेवा और भक्ति के वर्षों के माध्यम से, गोपाल कृष्ण गोस्वामी अनगिनत लोगों को उनकी सामाजिक, आर्थिक या सांस्कृतिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना आध्यात्मिकता और सेवा का मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित किया.

Advertisement
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

इस्कॉन के सबसे वरिष्ठ संन्यासियों में से एक और इस्कॉन इंडिया की गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण गोस्वामी का आज देहरादून में हृदय संबंधी बीमारियों के कारण सुबह 9 बजकर 20 मिनट पर निधन हो गया. 1944 में नई दिल्ली में जन्मे पूजनीय गोपाल कृष्ण गोस्वामी एक मेधावी छात्र थे, जिन्हें सोरबोन विश्वविद्यालय (फ्रांस) और मैकगिल विश्वविद्यालय (कनाडा) में अध्ययन करने के लिए दो छात्रवृत्तियां प्रदान की गई थीं. 

Advertisement

उन्होंने 1968 में कनाडा में अपने गुरु और इस्कॉन के संस्थापक-आचार्य श्रील प्रभुपाद से मुलाकात की और तब से उन्होंने सभी की शांति और कल्याण के लिए भगवान श्री कृष्ण और सनातन धर्म की शिक्षाओं को दुनिया के साथ साझा करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया. इसके बाद, आने वाले वर्षों में, उन्होंने भारत, कनाडा, केन्या, पाकिस्तान, सोवियत संघ और दुनिया के अन्य हिस्सों में आउटरीच और समुदाय-निर्माण के प्रयासों की देखरेख की. उन्होंने दुनिया भर में दर्जनों मंदिरों और सांस्कृतिक केंद्रों के निर्माण का बीड़ा उठाया, जिसमें नई दिल्ली में प्रसिद्ध ग्लोरी ऑफ इंडिया वैदिक सांस्कृतिक केंद्र शामिल है, जिसका उद्घाटन भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था और पुणे में इस्कॉन एनवीसीसी, जिसका उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया था. 

उन्होंने भारतीय संस्कृति और दर्शन के दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशक भक्तिवेदांत बुक ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप में भी काम किया, जो 70 से अधिक विश्व भाषाओं में भगवद गीता और श्रीमद्भागवतम जैसे पवित्र ग्रंथों के अनुवाद और प्रकाशन की देखरेख करता है और आज तक 60 करोड़ से अधिक पुस्तकों की छपाई कर चुका है. उन्होंने अन्नामृत फाउंडेशन की भी शुरुआत की, जो आज भारत के 20,000 से अधिक स्कूलों में 12 लाख से अधिक सरकारी स्कूली छात्रों को ताजा और पौष्टिक भोजन परोसता है. 

Advertisement

अपनी समर्पित सेवा और भक्ति के वर्षों के माध्यम से, उन्होंने अनगिनत लोगों को उनकी सामाजिक, आर्थिक या सांस्कृतिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना आध्यात्मिकता और सेवा का मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित किया. उनके हजारों प्रवचनों के माध्यम से उनकी शिक्षाओं से प्रेरित होकर, 70 से अधिक देशों के 50,000 से अधिक लोगों को परम पूज्य गोपाल कृष्ण गोस्वामी द्वारा भक्ति योग की प्रक्रिया में दीक्षित किया गया. राष्ट्राध्यक्षों से लेकर प्रमुख व्यवसायियों, छात्रों और समाज के आम लोगों से मिलने-जुलने तक, वे एक मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक के रूप में सभी के लिए समान रूप से सुलभ थे. 

Advertisement

भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में परम पूज्य गोपाल कृष्ण गोस्वामी को याद करते हुए लिखा था, "श्री गोस्वामी महाराज का जीवन, आदर्श और शिक्षाएं मानव जाति के लिए आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा हैं. 5 मई को शाम 4 बजे पार्थिव शरीर को ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित मंदिर में दर्शन के लिए रखा जाएगा और 6 मई, 2024 को परम पूज्य गोपाल कृष्ण गोस्वामी के पार्थिव शरीर को वृंदावन की पवित्र भूमि में समाधि में रखा जाएगा.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Sikkim Flash Floods: सिक्किम में बाढ़ और Landslides ने मचाई तबाही, उत्तरी इलाक़े में फंसे 1,200 Tourists

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: