इंटरनेट से संपर्क, फिर ब्रेनवॉश... ISIS मॉड्यूल कैसे करता है काम, जानिए सबकुछ

भारत में ISIS अपने पांव पूरी तरह नहीं जमा सका है, लेकिन उसकी कोशिशें लगातार जारी हैं. एजेंसियों का मानना है कि इस खतरे से निपटने के लिए केवल सख्त कार्रवाई ही नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता, धार्मिक संस्थानों की सकारात्मक भूमिका और युवाओं को सही दिशा देना बेहद ज़रूरी है.

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ISIS कैसे बनता है नेटवर्क, क्या है पूरी साज़िश?
नई दिल्‍ली:

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और झारखंड एटीएस के ज्‍वॉइंट ऑपरेशन में आईएसआईएस के संदिग्‍ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में 12 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की गई. देशभर से 8 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है. आतंकवादी संगठन ISIS (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) दुनिया भर में अपनी जड़ें फैलाने की कोशिश करता रहा है. भारत भी इससे अछूता नहीं रहा. खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट और कई गिरफ्तारियों से यह साफ हुआ है कि ISIS लगातार भारतीय युवाओं को निशाना बनाने की कोशिश करता है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये नेटवर्क काम कैसे करता है और युवा इसमें क्यों फंस जाते हैं?

ISIS से कैसे जुड़ते हैं भारतीय युवा

आज के युवा सबसे ज्‍यादा समय सोशल मीडिया पर गुजारते हैं. ISIS युवाओं का फंसाने के लिए इसी का सहारा लेता है. आईएसआईएस का सबसे बड़ा हथियार सोशल मीडिया है. टेलीग्राम (Telegram), व्‍हाट्सऐप (WhatsApp), फेसबुक (Facebook), एक्‍स (X, Twitter) जैसे प्लेटफॉर्म पर वह आकर्षक वीडियो, प्रचार सामग्री और धार्मिक गलत स्पीच के ज़रिए युवाओं को प्रभावित करते हैं. धीरे-धीरे इनका ब्रेनवॉश किया जाता है. फिर इन्‍हें अपने साथ जोड़ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल किया जाता है. 

ऑनलाइन गेमिंग और चैट रूम्स:  हाल के मामलों में सामने आया है कि ऑनलाइन गेमिंग चैट और डार्क वेब के ज़रिए भी ISIS भारतीय युवाओं से संपर्क साध रहे हैं. 
फेक आईडी और सीक्रेट नेटवर्क: ISIS समर्थक नकली प्रोफाइल बनाकर युवाओं से दोस्ती करते हैं और धीरे-धीरे कट्टरपंथी विचारधारा थोपते हैं.

कैसे काम करता है ISIS नेटवर्क 

  • विदेशों से संचालित मीडिया सेल लगातार धार्मिक जज़्बात भड़काने वाली सामग्री प्रसारित करता है.
  • फंडिंग और हवाला चैनल भारत में फंडिंग के लिए हवाला नेटवर्क और क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया जाता है.
  • कुछ राज्यों (जैसे केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर) में ISIS से जुड़े स्लीपर सेल सक्रिय पाए गए हैं.
  • युवाओं को पहले ऑनलाइन ब्रेनवॉश किया जाता है, फिर विदेश (सीरिया, अफगानिस्तान या पाकिस्तान) भेजने या भारत में ही हमले के लिए तैयार करने की साज़िश होती है.

ISIS मॉड्यूल से जुड़े अब तक सामने आए मामले

केरल और कर्नाटक से कई युवाओं के ISIS में शामिल होने या विदेश जाने की कोशिश करने के मामले सामने आए.
दिल्ली और उत्तर भारत में NIA और दिल्ली पुलिस ने कई बार ISIS मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है.
कश्मीर में कुछ आतंकी संगठन ISIS की विचारधारा से जुड़े झंडे और प्रचार सामग्री इस्तेमाल करते दिखे हैं.

एनआईए, रॉ, आईबी  और राज्य पुलिस लगातार ISIS नेटवर्क पर नज़र रख रही हैं. हाल के सालों में सैकड़ों गिरफ्तारियां हुईं, कई सोशल मीडिया अकाउंट बंद किए गए और फंडिंग चैनल का भंडाफोड़ किया हुआ. भारत में ISIS अपने पांव पूरी तरह नहीं जमा सका है, लेकिन उसकी कोशिशें लगातार जारी हैं. एजेंसियों का मानना है कि इस खतरे से निपटने के लिए केवल सख्त कार्रवाई ही नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता, धार्मिक संस्थानों की सकारात्मक भूमिका और युवाओं को सही दिशा देना बेहद ज़रूरी है.

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