इंडियन सोसाइटी फॉर क्रिटिकल केयर मेडिसीन (आईएससीसीएम) ने कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका जताते हुए केंद्र सरकार से प्रशिक्षित कर्मियों से लैस एवं पूर्ण रूप से क्रियाशील गंभीर मरीज देखभाल इकाइयां स्थापित करने का शनिवार को अनुरोध किया. आईएससीसीएम ने अपना 28वां स्थापना दिवस मनाते हुए दो दिवसीय अनुसंधान सम्मेलन का अयोजन किया, जिसका उद्देश्य भारतीय चिकित्सकों को निकट भविष्य में क्लिनिकल अनुसंधान के अग्रिम पंक्ति में लाने की कोशिश करना है.
आईएससीसीएम ने एक बयान में कहा कि सत्र में अस्पतालों में गंभीर मरीज देखभाल इकाइयों के महत्व पर जोर दिया गया, जो नाजुक स्थिति वाले मरीजों को बचाने में जीवनरेखा के तौर पर काम करती हैं और कुशल चिकित्सा कर्मी व तकनीकी रूप से अद्यतन सुविधाओं को वहां काफी जरूरत होती है. बयान के मुताबिक सत्र में 450 से अधिक चिकित्सकों, विशेषज्ञों, नर्सों और तकनीशियनों ने हिस्सा लिया.
आईएससीसीएम के अध्यक्ष डॉ दीपक गोविल ने कहा, ‘गंभीर मरीज देखभाल विशेषज्ञों, नर्सों और तकनीशियनों की देश में भारी कमी है जो महामारी के दौरान खुल कर सामने आई. गहन चिकित्सा देखभाल को आम आदमी के लिए कहीं अधिक पहुंच योग्य और वहनीय बनाना चाहिए.'
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